गेस्ट हाउस कांड: मायावती ने 24 साल बाद मुलायम के खिलाफ वापस लिया केस, एक MLA ने बचाई थी जान

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमों मायावती ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दर्ज गेस्ट हाउस कांड के केस को वापस ले लिया है। जानकारी के मुताबिक, मायावती ने इसे वापस लेने के लिए इसी साल फरवरी में ही शपथपत्र दिया था। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बाद अखिलेश ने मायावती से केस वापस लेने की अपील की थी।

लखनऊ (Uttar Pradesh). बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमों मायावती ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दर्ज गेस्ट हाउस कांड के केस को वापस ले लिया है। जानकारी के मुताबिक, मायावती ने इसे वापस लेने के लिए इसी साल फरवरी में ही शपथपत्र दिया था। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बाद अखिलेश ने मायावती से केस वापस लेने की अपील की थी। जिसके बाद सपा बसपा की ज्वाइंट प्रेस कान्फ्रेंस में मायावती ने कहा था, मैं गेस्ट हाउस कांड को भूल चुकी हूं।  

ऐसे पड़ी थी गेस्ट हाउस कांड की नींव
साल 1995 में यूपी में सपा और बसपा की गठबंधन की सराकर थी। इस सरकार के करीब डेढ़ साल बाद एक जून 1995 को तत्कालीन सीएम मुलायम पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया उस समय नौकरशाह के तौर पर सीएम आफिस में तैनात थे। वो बैठक में बिना बुलाए चले आए थे। उन्होंने सीएम को एक पर्ची दी, जिसे पढ़ते ही मुलायम का रुख बदल गया और उन्होंने कार्यकर्ता को चुनाव के लिए तैयार रहने के निर्देश दे दिए। सूत्रों की मानें तो उस पर्ची में लिखा था कि बसपा गठबंधन से अलग हो सकती है। हालांकि, कांशीराम की तरफ से ऐसा कोई संकेत नहीं आया था। 

Latest Videos

उस दिन गेस्ट हाउस में क्या हुआ 
2 जून 1995 को मायावती लखनऊ के गेस्ट हाउस में पार्टी के विधायकों से मीटिंग कर रही थीं। इस बीच सपा के कुछ विधायक और कार्यकर्ता लाठी डंडे और बंदूक से लैस वहां पहुंचे और गेस्ट हाउस में तोड़-फोड़ शुरू कर दी। बिजली और टेलीफोन की लाइन काट दी गई थी। बसपा के विधायकों से मारपीट कर उन्हें बंधन बना लिया गया। हंगामे से घबराकर मायावती ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। उसी दौरान तत्कालीन बीजेपी विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी गेस्ट हाउस पहुंचे और मायावती को गुस्साए कार्यकर्ताओं से बचाया। बताया जाता है कि अगर ब्रह्मदत्त समय पर न पहुंचते तो गुस्साए कार्यकर्ता मायावती के साथ मारपीट कर सकते थे। वर्तमान में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह उस समय लखनऊ के एसएसपी थे। उनपर सपा कार्यकर्ताओं को जानबूझकर नहीं रोकने का आरोप लगा। 

किताब में गेस्ट हाउस कांड पर लिखी है ये बात
अजय बोस ने अपनी किताब बहनजी में लिखा है, मायावती गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 1 में बंद थीं। उनकी पार्टी के विधायकों को दूसरे कमरे में बंद किया गया था। मायावती के कमरे के बाहर सपा कार्यकर्ता सेक्सिएस्ट कमेंट कर रहे थे, उनकी जाति को लेकर गालियां दी जा रही थीं। यही नहीं, बीएसपी के 5 विधायकों को किडनैप कर सरकार के समर्थन पत्र पर जबरदस्ती हस्ताक्षर भी करवाए गए। 

कांड के बाद बर्खास्त हुई थी मुलायम सरकार
3 जून 1995 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने मुलायम सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। मुलायम को अपना बहुमत साबित करने का भी मौका नहीं दिया गया। उसी दिन शाम को मायावती ने बीजेपी और जनता दल के बाहरी समर्थन से यूपी के नए सीएम के तौर पर शपथ ली। यहीं से बसपा और सपा के बीच संबंध खराब हो गए। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। 

Share this article
click me!

Latest Videos

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्या करने का मन अभी भी करता है...
क्या आप अच्छे स्टूडेंट थे? MODI की स्कूलिंग लाइफ की कहानी, क्यों PM के गांव वडनगर गए चीनी राष्ट्रपति
PM मोदी ने तोड़ा मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गर्वनेंस का सबसे बड़ा MYTH
कंफॉर्ट के लिए क्यों अनफिट हैं मोदी? PM ने बताया- कैसे फेल हो सकती है लाइफ की गाड़ी का ब्रेक
पैसा vs पॉलिटिक्सः PM मोदी ने बचपन की एक घटना से दिया इस सवाल का करारा जवाब