यूपी के मेरठ जिले में 400 हिंदू लोगों का लालच देकर धर्मांतरण कराया गया है। इस बात का खुलासा होने के बाद जमकर हंगामा हुआ और पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। वहीं दूसरी ओर कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मंगतपुरम में करीब दो साल से धर्मांतरण की पाठशाला चल रही थी लेकिन एलआईयू या किसी अन्य सुरक्षा एजेंसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी। जब बजरंग दल के कार्यकर्ता और समाजसेवी सचिन सिरोही शुक्रवार को मंगतपुरम पहुंचे तो खबर फैली। उन्होंने क्रिश्चियन धर्म से जुड़ी किताबें और आर्थिक मदद लेने वाले लोगों की सूची भी ढूंढ ली है। जब मामला ने तूल पकड़ा तो पूरे शहर में हड़कंप मच गया। दूसरी ओर इस मामले में पुलिस की भी लापरवाही उजागर हुई है। फिलहाल पुलिस ने महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय लोगों ने ब्रह्मपुरी थाने पर पहुंचकर जमकर विरोध किया। साथ ही पुलिस ने गांव के प्रधान को हिरासत में लिया है।
20-25 साल पहले बाराबंकी से आए थे दस लोग
पुलिस के अनुसार 20-25 साल पहले बारांबकी से दस लोग मंगतपुरम आए और खाली पड़े प्लॉट में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहने लगे। हालांकि अब इनकी संख्या 400 से ज्यादा बताई जा रही है। कोरोना में लगे लॉकडाउन में खाने पीने की चीजों की दिक्कत हुई तो इन लोगों की मदद के लिए दिल्ली के महेश पासचर पहुंचे, जो क्रिश्चियन बताए गए। आरोप है कि इन्होंने ही हिंदू परिवारों को भरोसे में लेकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए गुमराह किया। अभी तक करीब 400 लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं। इतना ही नहीं धर्मांतरण के कई लोगों को अब विदेशों से फंडिंग कर उनकी जरूरतों का सामान वितरण किया जा रहा है। इसका पर्दाफाश दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने को लेकर विवाद होने के बाद हुआ। इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। शनिवार को पुलिस ने दो महिलाओं को भी हिरासत में लिया है और बाकियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।
गरीबी का फायदा उठाकर कराया गया धर्मांतरण
हिंदू धर्म के लोगों की मांग है कि धर्मांतरण कराने वाले लोगों को यहां से निकाला जाए या फिर इन लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाया जाए। आरोप है कि महेश पासचर ने कुछ लोगों को भरोसे में लेकर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को क्रिश्चियन धर्म से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इसकी नतीजा यह हुआ कि लोग चर्च जाने लगे और धर्म परिवर्तन भी किया। करीब दो साल से यह सिलसिला चलता रहा। शुक्रवार को यह मामला एसएसपी ऑफिस पहुंचा तो पुलिस प्रशासन की नींद टूटी। दूसरी ओर समाजसेवी सचिन सिरोही और बजरंग दल के दिलीप सिंह का कहना है कि मंगतपुरम में मिलीं क्रिश्चियन धर्म की पुस्तकें और आर्थिक मदद लेने वालों की सूची का रजिस्टर पुलिस को सौंपा गया है। कार्यकर्ताओं का कहना कि गरीबी का फायदा उठाकर लोगों का धर्मांतरण कराया गया।
जमीन पर कब्जा करने के लिए दो लोगों के बने है गुट
इस पूरे प्रकरण को लेकर सीओ ब्रह्मपुरी बृजेश सिंह का कहना है कि मंगतपुरम में महंगी जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी खाली कराने के लिए कई बार पुलिस प्रशासन के पास प्रार्थना पत्र पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि इस जमीन पर कब्जा करने के लिए दो लोगों के गुट बन गए हैं। इस एक गुट ने साजिशन धर्मांतरण का मामला सामने आया है। इसको लेकर कुछ लोगों के बयान में यह बात सामने आई है। आगे कहते है कि पुलिस फिलहाल इस बिंदु पर जांच कर रही है। जिन पर भी मुकदमा दर्ज है, उनकी तलाश के लिए दबिश जारी है। फिलहाल पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मेरठ में लालच देकर कराया जा रहा धर्म परिवर्तन, SSP ऑफिस के बाहर एकत्र होकर लोगों ने की ये मांग