
मेरठ: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने मेरठ में पार्टी उम्मीदवार संगीत सोम व कमल दत्त शर्मा के पक्ष जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए केशव ने कहा कि 2022 का चुनाव निर्णायक चुनाव है। मुझे पता है कि सपा गठबंधन की सरकार आने नहीं जा रही है, सपा तो सफा है। अखिलेश यादव कह रहे हैं कि यह नई सपा है। लेकिन मैंने कहा कि यह वही सपा है जो पहले थे।
'अगर सपा गठबंधन यूपी के लिए खतरा तो भाजपा गठबंधन सुरक्षा की गारंटी'
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर सपा का गठबंधन यूपी के लोगों के लिए खतरा है तो भाजपा का गठबंधन इन्हीं 24 करोड़ लोगों के लिए सुरक्षा की गारंटी भी है। आप सभी को भयभीत होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। आप अपना वोट बिना किसी डर और भय के दें। जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब सपा बसपा और कांग्रेस ने मिलकर भी लड़ा तो आपने उन्हें हराने का काम किया। 10 मार्च को रिजल्ट आएगा तो करहल में भी कमल का फूल खिलेगा। मैनपुरी भाजपा का अभेद किला है वहां सपा इसलिए जीतती थी क्योंकि गुंडागर्दी कर बूथों पर कब्जा किया जाता था। आज के समय में कोई किसी को वोट डालने से रोक नहीं सकता।
'केशव को प्रत्याशी और खुद को केशव मानकर करें वोट अपील'
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरठ में संगीत सोम प्रत्याशी मत मानिए। आप यह मान कर चलिए कि यहां प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य है। यहां केशव प्रसाद मौर्य का मस्तक ऊंचा रखने की जिम्मेदारी आप के ऊपर है। आज से जिम्मेदारी आपकी है कि 9 दिन तक आप खुद को केशव प्रसाद मानकर लोगों से मुलाकात करें और उनसे वोट अपील करें।
'अखिलेश को न कोरोना का टीका पसंद है न माथे पर लगने वाला टीका'
अखिलेश यादव पर हमलवार होते हुए उन्होंने कहा कि ये जो लाल टोपी सिर पर लगाकर और जालीदार टोपी जेब में रखकर घूमते हैं इनको जवाब मिलना चाहिए। पहले कोई भी बीमारी हो हम टीके के लिए अमेरिका, रूस की ओर देखते थे। लेकिन जब भारत के वैज्ञानिकों ने कोरोना का टीका बनाया तो इनको वो भी पंसद न आया। इन्हें (अखिलेश यादव) न भारत का बनाया कोरोना का टीका पसंद आया न बहने जो टीका अपने भाई के मस्तक पर लगाती हैं इनको वो टीका पसंद आता है। 2017 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए भी हमारे 300 से अधिक विधायक चुनाकर गए थे। 2019 के चुनाव में गठबंधन के बाद भी यूपी की जनता ने हमें प्यार दिया। 2017 में यदि यूपी में कमल न खिलता तो गुंडाराज और माफियाराज खत्म न हो पाता।
पहले डर से बच्चियों को स्कूल नहीं भेजते थे मां बाप
पहले पश्चिमी क्षेत्र में कई विद्यालयों में मां बाप बच्चियों को इसलिए स्कूल नहीं भेजते थे कि वह शाम को सुरक्षित आ भी पाएगी या नहीं। किसान लोग गाड़ी और पैसा लेकर जाते थे तो उनका पैसा नहीं बचता था वह गायब जाता था। जब से योगी आदित्यनाथ सीएम बने है तब से यह घटनाएं नहीं होती। अगर कोई घटना होती भी है तो अपराधी को कानून का संरक्षण नहीं मिलता उसे सजा मिलती है।
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