रेप के 3 दोषियों को फांसी पर लटकते देख चुका है जल्लाद पवन, कभी याकूब मेमन के लिए की थी ये मिन्नतें

पवन के मुताबिक फांसी से पहले एक बोरे में छोटे-छोटे पत्थर भर लिए जाते हैं। फिर उसे बांध दिया जाता है और फंदा लगा दिया जाता है। तख्ते पर रखकर जैसे ही हमें उसे लटकाने का निर्देश होता है तो हम फांसी दे देते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 13, 2019 10:29 AM IST / Updated: Dec 13 2019, 04:00 PM IST

मेरठ (Uttar Pradesh). निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने के लिए मेरठ के पवन जल्लाद को तिहाड़ जेल से पत्र मिल गया है। जेल प्रशासन से पवन की सहमति भी ले ली गई है। मेरठ जेल प्रशासन ने उसको तिहाड़ का पत्र रिसीव कराते हुए उसकी सहमति पत्र लखनऊ व दिल्ली को भेज दिया है। माना जा रहा है कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाया जाएगा।

मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के अधीक्षक बीडी पांडेय के मुताबिक गुरुवार को डीजी जेल आनंद कुमार का एक पत्र प्राप्त हुआ था। डीजी ने तिहाड़ जेल प्रशासन के पत्र का हवाला देते हुए एक जल्लाद की जरूरत बताई थी। मेरठ जेल के पास अधिकृत जल्लाद पवन है। पवन जल्लाद को जेल प्रशासन ने गुरुवार देर शाम ही तिहाड़ और लखनऊ का पत्र दे दिया। पवन ने तिहाड़ जाकर फांसी देने पर अपनी सहमति दे दी है। पवन अब तक पांच फांसियों में अपने दादा का सहयोग कर चुका है।

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पांच में से तीन रेप के मामले की फांसियों में रहा है पवन

पवन के मुताबिक वह अपने दादा कालूराम के साथ पांच फांसियों में जा चुका है। उसके दादा ने ही उसे अपने पुश्तैनी काम की ट्रेनिंग दी थी। पवन के मुताबिक अपने दादा के साथ वह जिन पांच फांसियों में रहा है उसमे से 3 रेप के दोषियों की फांसी थी। जिसमें पहली फांसी साल 1988 में आगरा के डिस्ट्रिक्ट जेल में रेप के दोषी की फांसी, साल 1988 में ही इलाहाबाद में रेप के दोषी को फांसी और साल उसी साल जयपुर में रेप के आरोपी की फांसी की सजा शामिल है। इसके अलावा दिल्ली के तिहाड़ जेल में 1987 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी व पटियाला में प्रॉपर्टी के लिए अपने सगे भाई बहनो को मौत के घाट उतारने वाले दो भाइयों को फांसी देने में वह अपने दादा के साथ था।

ये की जाती है फांसी से पहले तैयारी

पवन के मुताबिक फांसी से पहले एक बोरे में छोटे-छोटे पत्थर भर लिए जाते हैं। फिर उसे बांध दिया जाता है और फंदा लगा दिया जाता है। तख्ते पर रखकर जैसे ही हमें उसे लटकाने का निर्देश होता है तो हम फांसी दे देते हैं। इसी तरह असली फांसी में भी किया जाता है। जल्लाद मुजरिम के सिर पर काला कपड़ा डालता है और अपनी प्रार्थना पढ़ता है। तयशुदा वक्त पर जैसे ही जल्लाद के हाथों लीवर खींचा जाता है, मुजरिम फांसी पर लटक जाता है।

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याकूब मेमन को फांसी देने के लिए डीजीपी को लिखा था पत्र

30 जुलाई 2015 को आतंकवादी याकूब मेमन को फांसी दी गई थी। याकूब मेमन को फांसी देने के लिए देने के लिए पवन ने यूपी डीजीपी व नागपुर जेल प्रशासन को पत्र लिखा था। वह अपने हाथों से याकूब को फांसी पर लटकाना चाहता था। लेकिन उसकी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी थी । याकूब को फांसी का फंदा जेल सुपरिटेंडेंट योगेश देसाई ने पहनाया था। 

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