दारोगा समेत 5 लोगों पर महिला अधिवक्ता ने थाना परिसर में गैंगरेप का लगाया आरोप, पुलिस जांच में खुला यह राज

मेरठ में महिला अधिवक्ता ने दारोगा समेत 5 लोगों पर गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि थाना परिसर में ही उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया। मामले को लेकर जांच जारी है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 2, 2022 10:53 AM IST

मेरठ: जनपद के नौचंदी थाने में सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए महिला ने एसएसपी ऑफिस में शिकायत पत्र दिया। महिला ने आरोप लगाया कि उसके साथ दारोगा, दो सिपाही समेत कुल 5 लोगों ने गैंगरेप किया। महिला के द्वारा आरोप लगाया गया कि 16 अक्टूबर को कूड़ा उठाने वाली कंपनी के सीईओ रवि पांडेय के कहने पर उसे फर्जी तरीके से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। इस बीच गिरफ्तारी के बाद थाने में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस अधिकारियों में खलबली मच गई है। मामले में एसएसपी ने एसपी सिटी, सीओ सिविल लाइन को थाने भेजकर जांच करवाई है। पुलिस की प्राथमिक जांच में महिला की ओऱ से लगाए गए आरोप बेबुनियाद पाए गए। 

हंगामे के बाद दर्ज किया गया था केस 
गौरतलब है कि परतापुर क्षेत्र के बिजली बंबा बाईपास स्थित एक कॉलोनी की रहने वाली महिला पेशे से अधिवक्ता है। नौचंदी मैदान में कूड़ा उठाने वाली कंपनी के खिलाफ दो माह पहले महिलाओं ने हंगामा किया था। कंपनी के सीईओ रवि पांडेय ने महिला के खिलाफ नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। मामले में विवेचक केके गौतम ने महिला को 16 अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। 28 नवंबर को महिला को जमानत मिल गई और वह बाहर आ गई। 

महिला ने जेल से बाहर आते ही दी थी मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी 
महिला गुरुवार को एसएसपी ऑफिस पहुंची और उसने सीओ कैंट रुपाली रॉय को शिकायती पत्र दिया। आरोप लगाया गया कि 15 नवंबर को पुलिस उसे उठाकर थाने लाई थी। हवालात से निकालकर उसे थाना परिसर में ही पीछे की ओर लाया गया। जहां दारोगा के के गौतम और कंपनी के सीईओ रवि पांडेय और एक अन्य युवक पहले से मौजूद थे। महिला ने आरोप लगाया कि इन पांचों लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया। महिला की ओर से एसएसपी से शिकायत किए जाने के बाद जांच का आदेश दिया गया है। शुरुआती जांच में महिला को बातों को निराधार बताया गया है। हालांकि आगे की पड़ताल जारी है। पुलिस का कहना है कि महिला रंगदारी मांगने के आरोप में जेल गई थी और फिलहाल वह कचहरी में प्रैक्टिस नहीं कर रही है। वहीं आरोप लगाया गया कि महिला ने जेल से छूटते कंपनी के सीईओ को धमकी दी थी कि अगर समझौता नहीं किया गया तो वह गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाएगी। 

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