केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी कर सुरक्षा बढ़ाने के तत्काल इंतजाम कराने की बात कही है। इसी के मद्देनजर अयोध्या के प्रांतीय कृत मेले में भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। सावन महीने में राम नगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: कोरोना महामारी (Covid 19) के कारण पिछले दो साल कांवड़ यात्रा नहींहुई। इस बार सावन मेले ज्यादा भीड़ होने का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी कर सुरक्षा बढ़ाने के तत्काल इंतजाम कराने की बात कही है। इसी के मद्देनजर अयोध्या के प्रांतीय कृत मेले में भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। सावन महीने में राम नगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। यहां से कांवरिया सरयू जल लेकर अन्यत्र स्थानों को जाते हैं। इसलिए पहले सोमवार के एक दिन पहले राम नगरी में केंद्रीय सुरक्षाबलों ने पैदल मार्च कर लोगों को सुरक्षित होने का भरोसा दिलाया।
प्रमुख मठ- मंदिरों और विशेष लोगों की बढ़ाई गई सुरक्षा
रूट मार्च का नेतृत्व कर रहे सीओ अयोध्या डॉ राजेश तिवारी ने बताया 2 साल बाद सावन मेला होने जा रहा है। इसलिए श्रद्धालुओं काफी संख्या में आएंगे ऐसा अनुमान है। इस लिए सीआरपीएफ के साथ रूट मार्च निकाला गया है। चप्पे-चप्पे पर केंद्र और राज्य के सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए है। राम नगरी में प्रवेश करने वाला हर व्यक्ति कैमरे की नजर में है ।श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुविधा दोनों मिले इस लिए कुछ एडवायजरी जारी की गई है। उन्होंने बताया अयोध्या में बड़ी संख्या में कांवरिया दर्शन करने के लिए आते हैं सरयू नदी का जल भर के अन्यत्र स्थानों पर ले जाते हैं। इसलिए नगर को सेक्टर और जोन में विभाजित कर अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है ।उन्होंने बताया नगर के टैक्सी वाहन चालकों को पहचान पत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया अयोध्या संवेदनशील जगह है। इसलिए जितने भी प्रमुख मंदिर, संत- महंत और वीआईपी है उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा रही है। बिना चेकिंग के किसी भी वाहनों को नगर में प्रवेश नही दिया जा रहा है। उन्होंने शंका जाहिर करते हुए कहा कि अयोध्या अराजक तत्वों के लिए मुफीद जगह हो सकती है।
अयोध्या में सावन मेले की प्रमुख तिथियां जिसमें होती है भीड़
31 जुलाई को मणि पर्वत मिला होता है इस दिन से रामनगरी के सभी मंदिरों में झूलनोत्सव शुरू हो जाता है। 2 अगस्त को नाग पंचमी, 4 अगस्त को गोस्वामी तुलसीदास की जयंती, 8 अगस्त को पुत्रदा एकादशी, 10 अगस्त को श्रावण कृष्ण त्रयोदशी और 12 अगस्त को अयोध्या का मुख्य पर्व श्रावण पूर्णिमा स्नान और रक्षाबंधन जिसमें लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होती है।