3 दिन बंधक बना 8वीं की छात्रा से गैंगरेप, न्याय नहीं मिला तो पीड़िता ने फांसी लगाई; पुलिस पर लगे आरोप

यूपी में रेप गैंगरेप के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अभी उन्नाव गैंगरेप का मामला थमा भी नहीं था कि कानपुर देहात में न्याय नहीं मिलने पर गैंगरेप पीड़िता के फांसी लगाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि गांव के ही 3 दबंगों ने 8वीं की छात्रा को 3 दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया।

Asianet News Hindi | Published : Dec 8, 2019 10:34 AM IST / Updated: Dec 08 2019, 04:11 PM IST

कानपुर (Uttar Pradesh). यूपी में रेप गैंगरेप के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अभी उन्नाव गैंगरेप का मामला थमा भी नहीं था कि कानपुर देहात में न्याय नहीं मिलने पर गैंगरेप पीड़िता के फांसी लगाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि गांव के ही 3 दबंगों ने 8वीं की छात्रा को 3 दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया। फिलहाल, मामले में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।  

क्या है पूरा मामला
मामला कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाली 8वीं की छात्रा 13 नवंबर की रात घर के पास पानी भरने गई थी। आरोपी है कि इस दौरान गांव के दबंग सन्नी, लाला और रिंकू ने अगवा कर लिया। काफी देर बाद भी जब युवती घर नहीं लौटी तो परिजनों उसकी तलाश शुरू की। 16 दिसंबर को थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिसके बाद दबंगों ने छात्रा को छोड़ दिया। घर आकर पीड़िता ने परिजनों को पूरी दास्तां सुनाई। उसने बताया, तीनों दबंगों ने उसकों बंधक बनाकर तीन तक गैंगरेप करते रहे। इसके बाद परिजन बेटी को लेकर थाने पहुंचे जहां पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया और 161 के तहत बयान दर्ज किया गया। लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। 

दबंग दे रहे थे धमकी, डर के साये में जी रही थी पीड़िता
आरोप है कि केस दर्ज होने के बाद दबंग पीड़ित परिवार पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। परेशान होकर पीड़ित परिवार ने बेटी को उसकी बहन के घर कानपुर के चौबेपुर भेज दिया। जहां शनिवार को छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

पुलिस ने दर्ज नहीं की गैंगरेप की एफआईआर
लड़की के रिश्तेदारों का आरोप है कि पुलिस ने न तो गैंगरेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज की, न ही आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। आखिरकार पुलिसिया कार्यशैली से परेशान होकर गैंगरेप पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं, छात्रा के परिजन बेटी की मौत का जिम्मेदार पुलिस को बता रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस अगर समय रहते कार्रवाई करती तो आज बेटी जिंदा होती। वो हैदराबाद की तरह वहशी दरिंदों को ऑन द स्पॉट फैसला चाहते हैं।

स्कूल जाने में डर रहीं गांव की बेटियां 
इस घटना से गांव की बेटियां में दहशत है। उनके अंदर इतना खौत बैठ गया है कि वो अब कालेज-स्कूल जाने से भी डर रही हैं। 

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