मुरादाबाद में पांच साल पहले पाकिस्तानी महिला बन गई थी वोटर, प्रशासन समेत सरकारी कर्मचारियों पर उठ रहे सवाल

यूपी के जिले मुरादाबाद में प्रशासन समेत खुफिया विभाग पर कई सवाल उठ रहे है। ऐसा इसलिए क्योंकि पांच साल पहले पाकिस्तानी महिला वोटर बन गई। इतना ही नहीं एक वार्ड के साथ-साथ दो वार्डों की वोटर है। उसका नाम वोटर लिस्ट में कैसे आया इसकी जांच की जा रही है।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 14, 2022 3:55 AM IST

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के जिले मुरादाबाद में मतदाता सूची की तैयारी से जुड़े सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल मतदाता सूची तैयार करने वाले कर्मचारियों के बिना आईडी पाकबड़ा की वोटर लिस्ट में पाकिस्तानी महिला का नाम साल 2017 में दर्ज किया गया था। इतना ही नहीं पांच सालों के दौरान महिला कई चुनावों में भागीदारी करती रही लेकिन इस बात की भनक सरकारी सिस्टम को नहीं लग सकी। इस वजह से सरकारी कर्मचारियों समेत स्थानीय खुफिया विभाग व जिला प्रशासन की नाकामी सामने आई है।

एक वार्ड नहीं बल्कि दो वार्डों में था महिला का नाम
इसकी शिकायत चेयरमैन ने डीएम से की थी। उसके बाद उन्होंने मतदाता सूची की जांच के निर्देश दिए थे लेकिन जब पाकिस्तानी महिला का वोट वोटर लिस्ट में होने का खुलासा हुआ तो जल्दबाजी में वोट को काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। पाकिस्तनी के कराची निवासी शबॉ परवीन की शादी 23 सितंबर 2005 को पाकबड़ा के नदीम के साथ हुई थी। उसके बाद उसका नाम साल 2017 की वोटर लिस्ट में डाला गया था। हैरान करने वाली बात तो यह है कि एक वार्ड नहीं बल्कि दो वार्ड में उसका नाम वोटर लिस्ट में शामिल था। पाकिस्तानी महिला शबॉ परवीन लांग टर्म वीजा पर पाकबड़ा में रह रही है।

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महिला के पति ने खुद जाकर कटाया नाम
इस मामले को लेकर महिला के पति नदीम का कहना है कि उसका वोटर लिस्ट में नाम कैसे शामिल हो गया, इसके बारे में उसको कुछ भी नहीं पता है। उसका कहना है कि उसकी पत्नी के पास पासपोर्ट के असावा कोई आईडी नहीं है। नदीम को जब इस बात का पता चला तो वह उसे कटवाने के लिए खुद ही अधिकारी के पास गया था। बिना किसी आईडी के वोट कैसे मतदाता बनाया गया। अब पाकबड़ा खुफिया विभाग की टीम के साथ-साथ प्रशासन के अधिकारी वोटर लिस्ट का सत्यापन कर रहे हैं।

वोटर लिस्ट में नाम आने पर जांच में लगी कई टीमें
इस मामले को लेकर पाकबड़ा चेयरमैन प्रतिनिधि रिंकू गोस्वामी का आरोप है कि बीएलओ और सुपरवाइजरों ने कुछ लोगों के साथ मिलकर काफी संख्या में फर्जी वोट बना दिया है। दूसरी ओर बसपा नेता गुलशेर सैफी ने आरोप लगाया है कि सत्ता के दबाव पर रोक लगनी चाहिए। पूरे प्रकरण को लेकर डीएम शैलेंद्र सिंह का कहना है कि शबा परवीन की शादी पाकबड़ा में हुई थी और वह वीजा पर पाकबड़ा में रह रही है। उन्होंने आगे कहा कि नियमानुसार उसका वोटर लिस्ट में नाम शामिल होना गलत है। इसी वजह से इसकी जांच कराई जा रही है। जांच में कई टीमों को लगाया गया है।

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