पड़ोसी महिला ने शोर मचाया तो लोग बचाव में आए। किसी तरह गांव के एक युवक ने तीनों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक अनुज और दीपांशु बच्चों की मौत हो गई था, जबकि अनु जिंदा हैं। बच्ची बहुत ही डरी सहमी हुई है। सूचना पर पहुंची पुलिस थाने में लाकर उससे पूछताछ कर रही है।
सोनभद्र (Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस नियंत्रण के लिए लागू किए लॉक डाउन के चलते पति चेन्नई में फंसा है, जबकि घर पर पत्नी तीन बच्चों के साथ परेशान थी। बीती रात महिला ने अपने तीनों बच्चों को कुएं में फेंक दिया। इसके बाद फरार हो गई। पड़ोसियों को इसकी जानकारी हुई तो वो शोर मचाए। जिसके बाद लोग हरकत में आए और बचाव में जुटे। किसी तरह तीनों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक दो बच्चों की मौत हो गई था। पुलिस ने जिंदा बचे बच्ची से घटना के बारे में पूछताछ करने की कोशिश कर रही है, लेकिन 6 साल की यह बची सहमी हुई है, जिसके कारण अभी तक कुछ बता नहीं पा रही है। यह घटना पिंडारी थाना क्षेत्र के कैमहांडांड़ टोले की है।
यह है पूरा मामला
कैमहांडांड़ टोले निवासी विजय 10 महीने से चेन्नई में काम कर रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लॉक डाउन है, जिसके कारण वो घर वापस नहीं लौट पाया है। इसे लेकर घर पर उसकी पत्नी देवंती परेशान थी। बीती रात 11.30 बजे देवंती अपने बेटी अनु (6) बेटे अनुज (3) और दीपांशु (1) कुएं में फेंक दी।
पड़ोसी को जानकारी देकर हुई फरार
पड़ोसी राम दुलारे की पत्नी के मुताबिक देवंती ने रात दरवाजा खटखटा। बाहर आने पर बताया कि उसके बच्चे कुएं में गिरके मर गए हैं और एक जिंदा हैं। इसके बाद वह रोते हुए फरार हो गई।
ऐसे हुई ग्राणीमों को जानकारी
पड़ोसी महिला ने शोर मचाया तो लोग बचाव में आए। किसी तरह गांव के एक युवक ने तीनों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक अनुज और दीपांशु बच्चों की मौत हो गई था, जबकि अनु जिंदा हैं। बच्ची बहुत ही डरी सहमी हुई है। सूचना पर पहुंची पुलिस थाने में लाकर उससे पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने कही ये बातें
प्रभारी निरीक्षक श्याम बहादुर यादव ने बताया की महिला कि गांव में और उसके मायके तक तलाश की जा रही है। अनु को गांव के एक युवक ने कुएं में घुसकर बाहर निकाला। बच्ची बहुत ही डरी सहमी हुई है। पुलिस थाने में लाकर उससे पूछताछ कर रही है।
(प्रतीकात्मक फोटो)