शिक्षा अधिकारी पर बीजेपी सांसद मेनका गांधी नाराज, कहा-कोई अधिकारी नहीं सुनता तो उसे समझाना पड़ता है

पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी ने शनिवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान सांसद मेनका गांधी ने अफसरों को भी हिदायत दी। मेनका गांधी ने कहा न तो मुझे न कहने की आदत है और न ही न सुनने की

Asianet News Hindi | Published : Dec 28, 2019 11:01 AM IST / Updated: Dec 28 2019, 04:40 PM IST

सुल्तानपुर(Uttar Pradesh ). पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी ने शनिवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान सांसद मेनका गांधी ने अफसरों को भी हिदायत दी। मेनका गांधी ने कहा न तो मुझे न कहने की आदत है और न ही न सुनने की।  बीएसए की ओर इशारा करते हुए सांसद मेनका गांधी ने कहा ये देश इनका नहीं हमारा है। 

सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी शनिवार को जिले में  पार्टी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थी। इस दौरान उन्होंने बीएसए को हिदायत दी कि जो भी लोग स्कूलों को गोद ले रहे हैं उन्हें किसी भी चीज पर न मत बोलिये। उन्होंने बीएसए की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये देश इनका नहीं हमारा है। बच्चे हमारे हैं। 

मुझे ना सुनने की आदत नहीं, कोई अधिकारी नहीं सुनता है तो उसे समझा दिया जाता है
पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सांसद मेनका संजय गांधी जब पहुंची तो प्राइमरी स्कूल को गोद लेने वाले जितेन्द्र श्रीवास्तव ने सांसद के सामने शिकायत की अगर स्कूलों में प्रिंसिपल या अगर कोई और कुछ करना चाहता है तो अधिकारियों द्वारा उसे रोक दिया जाता है। सांसद मेनका गांधी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष सक्सेना की ओर इशारा करते हुए कहा कि मुझे ना सुनने की आदत नहीं है।  अगर कोई अधिकारी नहीं सुनता है तो उसे समझा दिया जाता है।

मेनका गांधी का छलका दर्द
पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में सांसद मेनका संजय गांधी का को दर्द छलक उठा। इस दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर इशारों में तंज कसा। कहा कि 'मै आप सबको मैं नेता बनाना चाहती हूं, मुझे बहुत खुशी होती है। कुछ लोग होते हैं जो किसी को उठने नहीं देते।' 

कार्यकर्ताओं को कहा आप सब भी मेनका की तरह बनिए 
सांसद ने कहा मुझे आप सब की फौज खड़ा करना है, ये फौज कैसे खड़ी होगी। ये आज नहीं रोज चाहिए। हमारे दफ्तर में रंजीत बैठते हैं, हमारे महामंत्री बैठते हैं और पार्टी के नेता बैठते हैं। रोज के रोज 200-300 लोग आते हैं अपने-अपने कामों के साथ। अब जिस आदमी का काम हो जाता है वो 10 आदमी को बताएगा, और कभी न कभी याद करेगा। सभी तो याद रखेगे नहीं, इनमें से अगर 50 फीसदी याद रखें की हमारी वजह से उनकी ज़िंदगी में थोड़ी सी राहत मिली है तो ये हमारे लिए काफी है। आप सबका काम है मेनका गांधी की तरह बनना।

Share this article
click me!