मुख्तार अंसारी ने फर्जी एड्रेस पर चार शस्त्र लाइसेंस के लिए की थी सिफारिश, पुलिस ने दर्ज किया केस

यूपी के मऊ जिले के सदर विधानसभा के बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी समेत छह लोगों के खिलाफ सोमवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मुख्तार अंसारी ने 2001-02 में अपने लेटर पैड पर चार लोगों के  शस्त्र लाइसेंस जारी करने की सिफारिश की थी। पुलिस एक गोपनीय सूचना के आधार पर उस दौरान बने शस्त्र लाइसेंसों की जांच कर रही है। जांच के दौरान मुख्तार अंसारी द्वारा पैरवी कर बनवाए गए चारों लोगों के शस्त्र लाइसेंसों के पते फर्जी मिले। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 6, 2020 1:25 PM IST / Updated: Jan 06 2020, 06:58 PM IST

मऊ(Uttar Pradesh ).  यूपी के मऊ जिले के सदर विधानसभा के बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी समेत छह लोगों के खिलाफ सोमवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मुख्तार अंसारी ने 2001-02 में अपने लेटर पैड पर चार लोगों के  शस्त्र लाइसेंस जारी करने की सिफारिश की थी। पुलिस एक गोपनीय सूचना के आधार पर उस दौरान बने शस्त्र लाइसेंसों की जांच कर रही है। जांच के दौरान मुख्तार अंसारी द्वारा पैरवी कर बनवाए गए चारों लोगों के शस्त्र लाइसेंसों के पते फर्जी मिले। जिसके बाद पुलिस ने मुख्तार अंसारी समेत 6 के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। 

 बता दें कि मऊ एसपी अनुराग आर्या इस समय शस्त्र लाइसेंसों की जांच करा रहे हैं। जांच में  पाया गया कि दक्षिण टोला थाना इलाके के जिस चार शस्त्र लाइसेंस की पैरवी मुख्तार अंसारी ने अपने पेड पर लिख कर की थी वह पते फर्जी हैं।  जिसके बाद पुलिस ने मुख्तार समेत 6 के खिलाफ धारा 419, 420, 457, 468, 471 व धारा 30 आर्म्स एक्टमुकदमा दर्ज कर लिया। 

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तत्कालीन एसओ व लेखपाल के खिलाफ भी दर्ज हुआ मुकदमा 
शस्त्र लाइसेंसों की जांच कर रहे अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चार में से एक शस्त्र धारक को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने सदर विधायक मुख्तार अंसारी, तत्कालीन एसओ जेएन सिंह, तत्कालीन लेखपाल और तीन शस्त्र लाइसेन्स धारकों के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। 

त्रिस्तरीय कमेटी करेगी जांच 
एसपी अनुराग आर्या ने बताया कि, विधायक मुख्तार अंसारी ने जिन चार लोगों को लाइसेंस जारी करने की संस्तुति की थी, उनमें से एक शस्त्र लाइसेंस धारक शाह आलम को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। अन्य तीन का भी इस जिले से कोई लेना-देना नहीं है। बताया कि, 2001-2002 के दौरान जिले में जारी शस्त्र लाइसेंसों की जांच के लिए त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है, जो जिले में जारी सभी शस्त्र लाइसेंसों की जांच करने का काम करेगी। 

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