पूर्व रक्षा मंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव बीते कुछ दिनों से गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर सामने आने के बाद से समर्थकों में शोक की लहर के साथ हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का लंबे समय से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई। नेताजी के ठीक होने के लिए लगातार हवन पूजन जारी था लेकिन 82 वर्षीय मुलायम ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनकी मौत की खबर सुनते ही समर्थकों में शोक की लहर है। मुलायम सिंह यादव की मौत के बाद सपा पार्टी में सन्नाटा पसर गया है। उनके निधन की खबर सामने आने के बाद से ही हर कोई उनके और उनके परिवार के बारे में जानने का प्रयास कर रहा है। कोई उनकी कहानी अपने दादा-नाना से जानने की कोशिश कर रहा है तो कोई इंटरनेट का सहारा ले रहा है। राजनीति करियर में एंट्री करने से पहले मुलायम कुश्ती भी लड़ते थे लेकिन क्या आप जानते है कि मुलायम सिंह के जिंदगी पर एक फिल्म भी बनाई गई है। इस फिल्म में न केवल मुलायम के शुरुआती दिनों के बारे में बताया गया है बल्कि उनके राजनीतिक दंगल का खिलाड़ी बनने तक का सफर भी दर्शाया गया है। इस रिपोर्ट में हम आपको मुलायम पर बनी फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव' की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। पढ़िए...
अमित सेठी ने निभाई थी मुलायम सिंह यादव की भूमिका
पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। मुलायम पर बनी फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव' सुवेंदु घोष के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमित सेठी ने मुलायम सिंह यादव की भूमिका निभाई है। वहीं दूसरी ओर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह ने मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव का किरदार निभाया है। मुलायम सिंह यादव की पत्नी के रूप में प्रेरणा सिंह नजर आई हैं। राम मनोहर लोहिया की भूमिका प्रकाश बलबेटो ने निभाई है और गोविंद नामदेव चौधरी ने चरण सिंह का किरदार अदा किया था। अनुपम श्याम और जरीना वहाब ने क्रमश: मुलायम की पिता और माता का रोल निभाया है।
मुलायम के पिता राजनेता नहीं बल्कि पहलवान चाहते थे बनाना
फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव' में दिखाया गया है कि कैसे उनके गुरु डॉ राममनोहर लोहिया का उद्धरण "ज़िंदा कौम पांच साल तक इंतजार नहीं करती" उनका मंत्र बन गया और वह देश के सबसे सफल राजनीतिक नेताओं में से एक बन गए। इस फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले नेताजी के पिता चाहते थे कि मुलायम सिंह पहलवान बने पर उनकी किस्मत में कुछ और ही बनना लिखा था। इसी वजह से एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान उनकी मुलाकात स्थानीय राजनीतिक नेता नाथूराम से हुई और यहीं से उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने का पहला मौका दिया था।
मुख्यमंत्री बनने का सफर फिल्म में गया है दर्शाया
इस फिल्म में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि किस तरह से नाथूराम, राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह ने मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक ज्ञान को तैयार और आकार दिया था। इसके अलावा फिल्म में मुलायाम सिंह के मुख्यमंत्री बनने तक के सफर के दौरान उनकी पहली पत्नी मालती देवी के योगदान की कहानी भी बताई गई है। हालांकि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक की दूसरी पत्नी साधना सिंह का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
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