आतंकी संगठन आईएसआईएस के संपर्क में था मुर्तजा, पुलिसकर्मियों की राइफल छीनने के बाद कुछ और ही थी योजना

मुर्तजा से पूछताछ के बाद एटीएस की ओर से कई खुलासे किए गए हैं। बताया गया कि वह आईएसआईएस के लगातार संपर्क में था। उसने संगठन की शपथ भी ली थी और आतंकी गतिविधियों में सहयोग के लिए पैसे भी भेजे थे। 
 

Gaurav Shukla | Published : Apr 30, 2022 11:51 AM IST

लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को लेकर यूपी एटीएस ने बड़ा खुलासा किया है। एटीएस द्वारा अभियुक्त मुर्तजा से विस्तृत पूछताछ की गयी और उसकी निशादेही पर बरामद विभिन्न इलेक्ट्रानिक डिवाइस का डाटा विश्लेषण किया गया। अभियुक्त मुर्तजा के विभिन्न सोशल मीडिया का भी इस दौरान विश्लेषण किया गया। इसी के साथ अभियुक्त मुर्तजा के विभिन्न बैंक खातों, ई-वॉलेट के वित्तीय लेन-देन का विश्लेषण किया गया। यू.पी. ए.टी.एस. की अब तक की गहन विवेचना एवं विभिन्न तकनीकी विश्लेषणों से कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं। 

बताया गया कि अभियुक्त मुर्तजा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ISIS Fighters एवं ISIS Sympathisers के सम्पर्क में था। वह वर्ष 2014 में बैंगलोर पुलिस द्वारा गिरफ्तार ISIS Propaganda Activist मेंहदी मसरूर बिस्वास से भी अपने सोशल मीडिया अकाउन्ट के माध्यम से सम्पर्क में था। मुर्तजा ने आतंकी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचारक तथा आईएसआईएस से सम्बन्धित आतंकी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले जेहादी साहित्य एवं ऑडियो/वीडियो से पूर्णतया प्रभावित था।

मुर्तजा ने आतंकी संगठन की ली शपथ और भेजे पैसे 
अभियुक्त मुर्तजा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आतंकवादी प्रोपगेंडा एक्टिविस्ट के समक्ष वर्ष 2013 में अंसार उल तौहिद (आतंकवादी संगठन) की बैयत (शपथ) ली थी, जिसका वर्ष 2014 में ISIS में विलय हो गया था। तदोपरान्त अभियुक्त द्वारा वर्ष 2020 में ISIS संगठन की पुनः बैयत (शपथ) ली गयी। यही नहीं उसके अपने बैंक खातों के माध्यम से लगभग साढे आठ लाख भारतीय रूपये, यूरोप तथा अमेरिका के अलग अलग देशों में ISIS संगठन के समर्थकों के माध्यम से उक्त संगठन की आतंकवादी गतिविधियों के सहयोग के लिये भेजा गया।

पुलिसकर्मियों की राइफल छीन बड़े हमले की थी योजना
उसने आतंकवादी घटना कारित करने के उद्देश्य से इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न आग्नेयास्त्रों जैसे कि एके 47 रायफल, एम4 कार्बाइन, मिसाइल टेक्नोलॉजी आदि से सम्बन्धित आलेखों, वीडियोज को देखा व पढ़ा गया। इसी के साथ एयर राइफल से प्रैक्टिस की गयी, जिससे असली हथियार मिलने पर उक्त उद्देश्य की पूर्ति की जा सके। वह ISIS की आतंकी विचारधारा के क्रम में अपने आतंकवादी कृत्य को कारित करने के लिये लोन वोल्फ अटैक शैली में श्री गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों पर बांके से जानलेवा हमला किया गया और सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों की राइफल को छीनने का प्रयास किया गया। अभियुक्त की मूल योजना सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर बांके से हमला कर उनके हथियार छीनकर बड़ी घटना कारित करने की थी।

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