वाराणसी के लमही स्थित मुस्लिम फाउंडेशन की महिलाओं ने वीडियोग्राफी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में होने वाले सर्वे से सच सामने आ जाएगा। साथ ही मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम भाइयों से अपील की है कि वो सर्वे का साथ दें।
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में वाराणसी कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि मस्जिद के अंदर सर्वे जारी होने के साथ कोर्ट कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। हालांकि दो कोर्ट कमिश्नर को नियुक्त किया जाएगा। जिसके बाद 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट पेश करनी होगी। लेकिन इस फैसले के बाद अब मुस्लिम फाउंडेशन की महिलाओं का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी के विरोध में समर्थन कर दिया है।
मुस्लिम भाइयों से सर्वे की अपील
शहर के लमही स्थिति मुस्लिम फाउंडेशन की महिलाओं ने वीडियोग्राफी के विरोध के बीच समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में होने वाले सर्वे से सच सामने आ जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर बताया और साफतौर पर कहा कि ये इतिहास में भी दर्ज है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाया था। वीडियोग्राफी को करने दिया जाए ताकि सच सामने आ जाएगा। इतना ही नहीं मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम भाइयों से अपील है कि वो सर्वे का साथ दें।
मस्जिद से सर्वे आ जाएगा सच
सदर मुस्लिम फाउंडेशन की महिला नाजनीन अंसारी ने कहा कि यह बात तो सभी को पता है कि मंदिर को तोड़कर बाबर ने वहां मस्जिद बनवाई थी। यह अब सर्वे से सच सामने आ जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए और सर्वे का साथ देना चाहिए। वहीं एक अन्य मुस्लिम महिला ने नाजिया तरन्नुम ने भी कोर्ट के आदेश का समर्थन करते हुए कहा कि इससे सच सामने आएगा। बता दें कि मुस्लिम महिला फांउडेशन हमेशा से ही राम मंदिर के भी पक्ष में रहा है। और एक बार फिर यह संगठन ज्ञानवापी मस्जिद में होने वाली वीडियोग्राफी के समर्थन किया है।
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