यूपी के मुजफ्फनगर में दूल्हा बने सौरभ ने शादी के दौरान मिले 11 लाख रुपए और सभी आभूषण ससुराल वालों को वापस कर दिए। सौरभ ने ससुराल पक्ष से शगुन का 1 रुपए लेकर शादी की है। दूल्हे पक्ष को तरफ से उठाए गए इस कदम की सभी सराहना कर रहे हैं।
मुजफ्फरनगर: बेटी की शादी के लिए पिता सालों कमाई जमापूंजी को खर्च करता है। वहीं शादियों में अक्सर फिजूलखर्ची और दहेज लेने-देने का सिलसिला देखा जाता रहा है। इस माहौल और दहेज लेने वालों के सामने एक दुल्हे ने मिसाल पेश की है। दूल्हा बने सौरभ चौहान ने दहेज में मिले 11 लाख रुपए और आभूषण अपने ससुराल वालों को वापस कर मिसाल पेश की है। सौरभ ने ससुराल वालों से शगुन का 1 रुपए लेकर शादी रचाई है। वहीं सौऱभ के इस कदम से घरातियों और बरातियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। दूल्हे द्वारा लिए गए इस फैसले की सभी ने जमकर तारीफ की है।
दूल्हा बने युवक ने ससुराल पक्ष को वापस किया दहेज
बता दें कि मूल रूप से नंगला पिथौरा के रहने वाले और वर्तमान में शहर के रामपुरी निवासी विजय सिंह का बेटा सौरभ चौहान लेखपाल है। वहीं तितावी क्षेत्र के लखान गांव की बेटी प्रिंसी के साथ सौरभ की शादी तय हुई थी। जिसके बाद बीते शुक्रवार को बारात गांव पहुंची तो दुल्हन पक्ष ने बरातियों की जमकर खातिरदारी की। शादी की रस्में शुरू होने पर दुल्हन पक्ष ने अपनी मर्जी से दहेज में 11 लाख रुपये नकद, सोने-चांदी के जेवर भेंट किए। इसके बाद दूल्हा बने सौरभ ने दोनों पक्षों की मौजूदगी में आगे बढ़कर दहेज में मिली नगदी और सोने-चांदी के आभूषण वापस कर दिए।
पूरे समाज के सामने पेश की मिशाल
दुल्हन के ताऊ डॉ. रविंद्र सिंह ने कहा कि सौरभ ने समाज को आइना दिखाने के साथ नई दिशा देने का काम किया है। बिना दहेज लिए शगुन का एक रुपए लेकर शादी रचाई है। उन्होंने कहा कि शादियों मे लोग फिजूलखर्ची करते हैं। उन लोगों को सौरभ से प्रेरणा लेनी चाहिए। दुल्हन बनी प्रिंसी ने मेडिकल की पढ़ाई की है। वहीं उनके पिता सुनील फौजी क्षेत्र के गणमान्य लोगों में शामिल है। प्रिंसी के पिता सेना से रिटायर होकर बैंक में कार्य करते हैं। वहीं किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह ने कहा कि दूल्हे पक्ष का यह कदम सारे समाज के लिए प्रेरणा है।