गंगा प्रदूषण को लेकर NGT सख्त, UP सरकार पर 10 करोड़-122 टेनरियों पर 280 करोड़ रुपए का लगाया जुर्माना

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने गंगा में प्रदूषण को रोकने में नाकाम यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए 10 करोड़ और प्रदूषण फैलाने वाली 122 टेनरियों पर 280 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यही नहीं, यूपीपीसीबी (UPPCB) को पहले के आदेश का पालन न करने और अनट्रीटेड सीवेज की अनदेखी का दोषी ठहराते हुए एक-एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 19, 2019 7:31 AM IST / Updated: Nov 19 2019, 01:19 PM IST

कानपुर (Uttar Pradesh). राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने गंगा में प्रदूषण को रोकने में नाकाम यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए 10 करोड़ और प्रदूषण फैलाने वाली 122 टेनरियों पर 280 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यही नहीं, यूपीपीसीबी (UPPCB) को पहले के आदेश का पालन न करने और अनट्रीटेड सीवेज की अनदेखी का दोषी ठहराते हुए एक-एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार में प्रयोग की जाएगी जुर्माने की राशि
एनजीटी अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा, यूपी सरकार गंगा में जहरीले पदार्थ गिरने से रोकने में नाकाम रही। 1976 से अब तक इसका समाधान नहीं हो सका। इसके कारण भूजल भी दूषित हो गया, जिसको पीने से आसपास के लोगों की सेहत और पर्यावरण को भी नुकसान हुआ। यूपीपीसीबी को दोषी टेनरियों से जुर्माने की राशि वसूलनी चाहिए। जब तक वसूली नहीं होती तब तक प्रदेश सरकार खुद यह रकम ईएससीआरओडब्ल्यू के खाते में ट्रांसफर करे। इन पैसों का इस्तेमाल इलाके में पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के सुधार में किया जाएगा।

बेंच ने कहा, सरकार प्रभावित इलाके में पीने योग्य पानी की आपूर्ति के लिए कदम उठाए। सीपीसीबी उचित दिशा-निर्देश जारी कर सकती है, ताकि कोई भी प्राधिकरण जल प्रवाह में प्रदूषित सीवेज या प्रदूषित पदार्थों को डालने की अनुमति न दे। 

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