सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को व्यवहारिक तौर पर भी लोग खूब पसंद करते थे। जानकार बताते हैं कि उनके दरवाजे से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता था। नेताजी को सामने वाले की जरूरत का एहसास होते ही वह उसकी सहायता करते थे।
लखनऊ: यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार 10 अक्टूबर को निधन हो गया। वह लंबे समय से गुरुग्राम मेदांता में भर्ती थे। मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक जीवन की कई ऐसी उपलब्धियां है जिसके चलते उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। हालांकि व्यवहारिक तौर पर भी जो नेताजी से मिला वह उनका फैन हो जाता है। नेताजी को जानने वाले लोग बताते हैं कि कोई उनके पास से कभी मायूस वापस नहीं जाता था। एक ऐसा ही किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
कवि अदम गोंडवी की तुरंत की थी मदद
मशहूर हास्य कवि अदम गोंडवी जब बीमार पड़े तो उन्हें जरूरी इलाज नहीं मुहैया हो सका। गोंडवी के पुत्र लगातार नेताओं के चक्कर काटते रहे। यह प्रयास होता रहा कि कोई पिताजी के लिए सिफारिश कर दे तो उन्हें अच्छा इलाज मुहैया हो सके। हालांकि कहीं भी बात नहीं बनी। लखनऊ के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में उन्हें जगह नहीं दी जा सकी। इसके बाद जैसे ही यह जानकारी मुलायम सिंह यादव को हुई तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बात कर तुरंत ही गोंडवी को भर्ती करवाया। हालांकि बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
दूधिए को देख रुकवाई गाड़ी, दिए पैसे
मुलायम सिंह यादव के साथ रहने वाले पार्टी के लो बताते हैं कि नेताजी की कोठी और पार्टी कार्यालय पर बहुत से लोग ऐसे भी आते थे जिनके पास सर्दियों में गर्म कपड़े नहीं होते थे, जूते नहीं होते थे या फिर वो बीमार होते थे। नेताजी इन समस्याओं का हल तुरंत ही करवाते थे। एक बार ऐसे ही नेताजी एयरपोर्ट जा रहे थे। कृष्णानगर के पास यातायात व्यवस्थित रखने के लिए पुलिस ने दूधिए को रोक दिया। उसकी साइकिल गिरी और दूध बिखर गया। यह देखकर मुलायम सिंह यादव ने तुरंत ही गाड़ी रुकवाई और उसे पास में बुलाकर नुकसान के बारे में पूछा। इसके बाद तत्काल ही उसे दो हजार रुपए देकर वह आगे के लिए रवाना हुए। वह किसी को भी दुखी नहीं देख सकते थे।
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