नोएडा में जासूसी मामले में अदालत ने आरोपी चीनी नागरिकों को न्यायिक हिरासत में भेजा है। इतना ही नहीं चीनी नागरिकों को ग्रेटर नोएडा में शरण देने के आरोप में गिरफ्तार कारोबारी नटवरलाल से एसटीएफ ने लगातार आठ दिन पूछताछ की और गुरुवार की शाम स्थानीय अदालत में पेश किया गया था।
नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा जिले में जासूसी के आरोप में दो चीनी नागरिकों को बड़ा झटका लगा है। भारत-नेपाल सीमा पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा पकड़े गए दो चीनी जासूसों को बिहार से गौतमबुद्ध नगर लेकर आए उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल यानी एसटीएफ ने स्थानीय अदालत में पेश किया। जिसके बाद अदालत ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इतना ही नहीं चीनी नागरिकों को ग्रेटर नोएडा में शरण देने के आरोप में गिरफ्तार कारोबारी नटवरलाल से एसटीएफ ने लगातार आठ दिन पूछताछ भी की और उसको भी गुरुवार की शाम स्थानीय अदालत में पेश किया था।
11 जून को दोनों चीनी नागरिक गए थे पकड़े
जानकारी के अनुसार चीन के दो नागरिकों लू लैंग एवं यूं हेलंग को 11 जून को बिहार के सीतामढ़ी स्थित नेपाल सीमा पर पकड़ा गया था। एसटीएफ ने कोर्ट से जासूसी के आरोप में पकड़े गए दोनों चीनी नागरिकों को रिमांड पर देने का अनुरोध भी किया है। इस मामले में यूपी एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक कुलदीप नारायण ने बताया कि बगैर वैध पासपोर्ट-वीजा के भारत में आए दिन चीन के दो नागरिकों को बिहार के सीतामढ़ी स्थित नेपाल सीमा पर पकड़ा गया था। उन्होंने आगे बताया कि पूछताछ में पता चला कि ये चोरी-छुपे 24 जून को भारत की सीमा में दाखिल हुए थे। उसके बाद सीधे टैक्सी से नोएडा आए। उन्होंने आगे बताया कि 18 दिन तक यहां रहे और वापस जा रहे थे।
चीन वापस जाने की कुछ इस प्रकार थी योजना
दूसरी ओर चोरी-छिपे नोएडा आने और ठहरने के पीछे मकसद क्या था, इसकी जांच एसटीएफ एवं सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं। एसटीएफ के अधिकारी के अनुसार, नेपाल-बिहार सीमा पर पकड़े गए दोनों जासूस 23 मई को थाईलैंड के रास्ते काठमांडू आए थे। उसके बाद वहां से फिर दोनों 24 मई को भारतीय सीमा में दाखिल हुए। इसके बाद नोएडा में अपने दोस्त जु-फाई के पास पहुंचे और यहां पर करीब 17 दिन तक रहे। आगे उन्होंने बताया कि वापस जाने के लिए दोनों ने सीतामढ़ी जिले से सटी नेपाल सीमा को चुना था और उनकी नेपाल और फिर चीन जाने की योजना थी। लेकिन इसी दौरान दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया।