योगी के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट हुआ जारी, 10 अगस्त तक कोर्ट में करना होगा पेश

योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है। यह वारंट गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट से जारी किया गया है और गिरफ्तारी की जिम्मेदारी शाहपुर पुलिस को दी गई है। 

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। यह वारंट गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट ने जारी किया है। सीजेएम जगन्नाथ ने उन्हें 10 अगस्त तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने को कहा है। संजय निषाद की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी गोरखपुर के शाहपुर पुलिस को दी गई है। 

आंदोलन के दौरान जमकर हुआ था बवाल 
गिरफ्तारी का यह आदेश उस मामले में दिया गया है जो कि 7 जून 2015 को हुए एक आंदोलन से जुड़ा है। उस दिन संजय निषाद और उनके समर्थक सरकारी नौकरी में निषादों को 5 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग कर रहे थे। हालांकि आंदोलन के बीच में ही बवाल हो गया और एक व्यक्ति की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने संजय निषाद के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। यह आंदोलन गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र के कसारवाल में चल रहा था। आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक को जाम करने के लिए उस पर बैठे हुए थे। हालांकि इसी बीच पुलिस वहां आ गई और सभी को हटने का आदेश दिया। प्रदर्शनकारियों औऱ पुलिस के बीच में बात नहीं बनी और माहौल उग्र हो गया। इस बीच मामला बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और एक व्यक्ति की मौत हो गई। 

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बवाल के बाद संजय निषाद पर दर्ज हुआ था मुकदमा
प्रदर्शनकारियों की ओर से आरोप लगाया गया था कि उनके साथी की मौत पुलिस की गोली से हुई। इसके बाद वह उग्र हो गए और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में 24 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। बवाल के बाद सहजनवां थानाध्यक्ष श्यामलाल ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद समेत कई लोगों के खिलाफ बलवा, आगजनी और तोड़फोड़ का मामला दर्ज किया था। ज्ञात हो कि संजय निषाद उस समय चर्चाओं में आए थे जब उन्होंने बीजेपी के कद्दावर नेता और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी को हराने का संकल्प लिया था और उसे पूरा भी किया। हालांकि 2022 का विधानसभा चुनाव उन्होंने बीजेपी के साथ में लड़ा और वह योगी सरकार में मंत्री भी बने। 2013 में निषाद पार्टी बनाने से पहले संजय निषाद गोरखपुर के गीता वाटिका रोट पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी की क्लिनिक चलाते थे। 

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