लखनऊ समेत यूपी के इन शहरों में अब कुत्ता पालना हुआ और महंगा, जानिए नगर निगम को कितनी देनी होगी फीस

यूपी की राजधानी लखनऊ में कुत्ता पालना महंगा होने वाला है क्योंकि नगर निगम अब कुत्तों पर टैक्स बढ़ाने जा रहा है। शहरवासियों से अभी कुत्तों को पालने में 200, 300 और 500 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती है। इसको अब 1000 रुपए करने की तैयारी है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 5, 2022 9:43 AM IST / Updated: Aug 09 2022, 12:47 PM IST

उत्कर्ष बाजपेई
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुत्ते पालने के शौकीन लोगों का शौक अब महंगा पड़ सकता है क्योंकि लखनऊ नगर निगम अब कुत्ता पालने पर टैक्स बढ़ाने जा रहा है। दरअसल नगर निगम लखनऊ रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। जिसके अंतर्गत अब 500 रुपए की जगह 1000 रुपए शुल्क लिया जा सकता है। टैक्स बढ़ाने पर अधिकारियों का कहना है कि इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि आने वाली कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। उसके बाद वहां से पास होने के बाद लागू कर दिया जाएगा। वहीं प्रयागराज में अगर आपको कुत्ता पालना है तो इसके लिए 630 रुपए सालाना कर वसूला जाएगा। यह टैक्स नहीं देने पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

निगम हर ब्रीड के कुत्तों पर वसूलता है टैक्स
कुत्तों को पलाने के लिए मौजूदा समय में नगर निगम 200, 300 और 500 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती है। इसको अब 1000 रुपए करने की तैयारी है। बता दें कि शहर में करीब 5000 लोगों ने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराया है। इसकी वजह से विभाग को करीब 20 लाख रुपए का राजस्व मिलता है। इसके अलावा कुत्ता पालने के रूप में नगर निगम अलग-अलग टैक्स की वसूली करता था। बड़ी ब्रीड के कुत्तों के 500 रुपए, छोटी ब्रीड के कुत्तों पर 300 रुपए और देसी कुत्तों को पालने पर 200 रुपए टैक्स वसूलता था लेकिन अब सभी प्रकार के कुत्ते पालने पर टैक्स के रूप में 1000 रुपए देने होंगे। 

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15 अगस्त के बाद नगर निगम अभियान में लाएगी तेजी
आपको बता दें कि नगर निगम सुत्रों के अनुसार अभी बहुत बड़ी संख्या में अपने डॉग्स का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। ऐसे में 15 अगस्त के बाद सुबह और शाम नगर निगम चेंकिग अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को खासकर अपार्टमेंट में तेज किया जाएगा, ताकि विभाग का राजस्व बढ़ सके। अनुमान के अनुसार शहर में अभी तक महज 20 फीसदी लोगों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है और करीब 25 हजार से ज्यादा परिवारों के पास पालतू जानवर है। अगर निगम 1000 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क करता है, तो आने वाले वित्तीय साल में विभाग का राजस्व 50 लाख रुपए पहुंच जाएगा। 

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