अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लखनऊ प्रशासन एवं हुसैनाबाद ट्रस्ट, लखनऊ से सम्बद्ध ट्रस्ट द्वारा महिला शक्ति के सम्मान में अपने प्रबान्धादीन ऐतिहासिक स्मारकों यथा- बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा एवं पिक्चर गैलरी पर महिलाओं आगन्तुकों हेतु 8 मार्च को नि:शुक्ल प्रवेश व्यवस्था की गई है।
लखनऊ: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पूरी दुनिया में 8 मार्च को मनाया जाता है। महिला दिवस के नाम से ही जाहिर है कि यह दिन महिलाओं के लिए समर्पित है। इस दिन के बहाने पूरे देश-दुनिया की ऐसी महिलाओं को याद भी करते हैं जिन्होंने अपने कार्यों से दुनिया में छाप छोड़ी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लखनऊ प्रशासन एवं हुसैनाबाद ट्रस्ट, लखनऊ से सम्बद्ध ट्रस्ट द्वारा महिला शक्ति के सम्मान में अपने प्रबान्धादीन ऐतिहासिक स्मारकों यथा- बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा एवं पिक्चर गैलरी पर महिलाओं आगन्तुकों हेतु 8 मार्च को नि:शुक्ल प्रवेश व्यवस्था की गई है।
कांग्रेस कमेटी महिला मार्च का किया है आयोजन
बता दें कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तरफ से 8 मार्च यानी आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण का संदेश देते हुए, 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' महिला मार्च आयोजित किया जाएगा। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी महिलाओं के अनूठे मार्च का नेतृत्व करेंगी। जानकारी देते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक भूमि से शुरू किया गया 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान कांग्रेस के लिए आंदोलन है। कांग्रेस पार्टी महिलाओं के सशक्तिकरण की सिर्फ बात ही नहीं करती है, बल्कि उसे जमीन पर लेकर भी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी 'सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर।' इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम 'जेंडर इक्वैलिटी फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो' यानी एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य है महिलाओं को हर वो अधिकार प्रदान किए जाए जो एक सामान्य नागरिक को दिए जाते हैं। भेदभाव ही उनके पीछे रहने की सबसे बड़ी वजह है। महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
आखिर क्यों मानते है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की मनाने का विचार एक मज़दूर आंदोलन से उत्पन्न हुआ था। साल 1908 में जब 15 हज़ार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में रैली निकाली थी जिसकी मांग थी नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का भी अधिकार। इस घटना के ठीक एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया। साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में सबसे पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। 1975 में वुमन्स डे को ऑफिशियली मान्यता उस वक्त दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक तौर पर एक विशेष थीम के साथ मनाना शुरू किया था।
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