मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन लोगों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इसका पालन करना जरूरी है, क्योंकि जरा सी लापरवाही इस देश में भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । सरकार ने यूपी की जेलों में बंद करीब 11 हजार बंदियों को 8 सप्ताह के लिए पैरोल या बेल पर छोड़ने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह कार्रवाई तत्काल शुरू की जा रही है। इसमें 8500 विचाराधीन और 2500 सिद्धदोष बंदी शामिल हैं। सीएम ने बताया कि पैरोल सामान्य प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा और जमानत के लिए जिला जज संबंधित जेलों में जाकर यह बेल उपलब्ध कराएंगे। वहीं, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि विदेशों से आने वाले करीब 60 हजार लोगों की स्वास्थ्य विभाग निगरानी कर रहा है। किसी को अगर कोई समस्या या लक्षण महसूस हो, तो वह तत्काल सीएम हेल्प लाइन 1076 पर फोन कर सलाह ले सकता है।
सीएम ने की यह अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन लोगों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इसका पालन करना जरूरी है, क्योंकि जरा सी लापरवाही इस देश में भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। दुनिया के जिन देशों ने थोड़ी भी लापरवाही की है वहां की स्थिति हम आज देख सकते हैं। इसलिए यूपी के नागरिक लॉकडाउन का पूरा समर्थन करें, जहां हैं वहीं रहें। सभी सुविधाएं वहीं पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
इन राज्यों के लिए नोडल अधिकारी तैनात
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नागरिक बड़ी संख्या में देश के अन्य राज्यों में रोजगार के सिलसिले में रहते हैं। इनको भी वहीं मदद पहुंचाने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए जा चुके हैं। एक दिन पहले 12 राज्यों में नोडल अधिकारी तैनात किए गए थे, वहीं आज हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा, लद्दाख के साथ दक्षिण में केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ के साथ पूर्वोतर के राज्यों में भी नोडल अधिकारी तैनात किए हैं, जो लोग दूसरे राज्यों में हैं, वहां कारोबार और नौकरी कर रहे हैं, वे नोडल अधिकारियों से संपर्क कर हर तरह की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
डोर टू डोर राशन, दूध और सब्जी का का हो रहा वितरण
अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा है पूरे प्रदेश में डोर टू डोर राशन, दूध और सब्जी का वितरण किया जा रहा है। डोर स्टेप डिलीवरी के लिए किराना की दुकानों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 8,833 प्राविजन स्टोर के माध्म से 16,905 लोगों द्वारा आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में 15,89,000 लीटर दूध का उत्पादन हुआ और 8552 गाड़ियों के माध्यम से 10,44,000 लीटर दूध का वितरण किया गया है। दूध वितरण की व्यवस्था मजबूत हुई है। सरकारी डेयरी से दूध वितरण किया जा रहा है।