
वाराणसी (Uttar Pradesh) । इसरो को सबसे ताकतवर सुपर फ्यूल स्टोरेज भेजने की तैयारी कर रहे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव का कोरोना से निधन हो गया। बता दें कि दो हफ्ते पहले ही उनके रिसर्च स्कॉलर अभय जयसवाल की कोरोना से मौत हो गई थी, जिसके कारण प्रोफेसर बहुत दुःखी थे। एहतियातन जब उनकी जांच कराई गई तो 20 अप्रैल को वह भी पॉजिटिव निकले थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बीएचयू में भर्ती कराया गया। शनिवार को उन्हें आईसीयू में शिफ़्ट किया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी। जिनका रविवार को हरीशचंद्र घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। वह फिलहाल बीएचयू से एमेरिटस प्रोफेसर के रूप में जुड़े हुए थे।
सुपर फ्यूल स्टोरेज का किए थे अनुसंधान
बीएचयू के भौतिक विज्ञान विभाग में प्रोफेसर श्रीवास्तव ने सुपर फ्यूल स्टोरेज का अनुसंधान किया था। इसे सबसे ताकतवर सुपर फ्यूल स्टोरेज बताया जा रहा है। इस सुपर फ्यूल स्टोरेज में इंधन का भंडारण कार्बन एरोजेल की शक्ल में होता है, जोकि रॉकेट में इस्तेमाल होने वाले लिक्विड हाइड्रोजन को सोख कर स्टोर करता है। इस टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष मिशन में लंबी दूरी के रॉकेट की रफ्तार और ताकत में कई गुना इजाफे का दावा किया गया था।
हरित ऊर्जा हाइड्रोजन से चलने थे ऑटो रिक्शा
प्रोफेसर श्रीवास्तव ने नैनोटेक्नोलॉजी से मल्टीपरपज फिल्टर का निर्माण भी किया था। दो महीने पहले ही उनकी लीडरशिप में हाइड्रोजन अनुसंधान के लिए नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन और बीएचयू के हाइड्रोजन एनर्जी सेंटर के बीच एक एग्रीमेंट हुआ था, जिसके तहत जल्द बनारस में हरित ऊर्जा हाइड्रोजन से 50 ऑटो रिक्शा चलने थे। दो दिन पहले सरकार ने हाइड्रोजन मिशन को प्रस्तावित किया था।
प्रकाशित हो चुके हैं 900 सोध पत्र
पद्मश्री समेत विज्ञान के सर्वोच्च पुरस्कार शांति स्वरूप भटनागर, होमी जहांगीर भाभा सम्मान, प्रौद्योगिकी विभाग का नेशनल रिसर्च अवॉर्ड समेत कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान हासिल करने वाले प्रोफेसर ओएन श्रीवास्तव के अब तक करीब 900 शोध प्रकाशित हुए हैं। करीब 13000 हजार साइटेशन और दो किताबें भी उन्होंने लिखीं थीं।
(फाइल फोटो)
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