बिकरू गांव में विकास दुबे का खौफ खत्म, 25 साल बाद लोगों ने चुना अपना प्रधान

Published : May 02, 2021, 03:45 PM ISTUpdated : May 02, 2021, 05:51 PM IST
बिकरू गांव में विकास दुबे का खौफ खत्म, 25 साल बाद लोगों ने चुना अपना प्रधान

सार

गैंगस्‍टर विकास दुबे 1995 में पहली बार अपने रुतबे की दम पर प्रधान बना था। जबकि इसके बाद से उसके चहेते निर्विरोध प्रधान बन रहे थे। लेकिन, इस बार विकास दुबे की दहशत से आजादी के बाद लोगों ने अपने मनपंसद प्रत्‍याशी को ग्राम प्रधान चुना है।

कानपुर (Uttar Pradesh) । यूपी पंचायत चुनाव में मतगणना जारी है। इसी बीच बिकरू गांवं से बड़ी खबर आ रही है। जहां के लोगों ने 25 साल बाद अपना प्रधान चुना। इस गांव की आरक्षित सीट पर मधु ने अपनी विरोधी बिंदु कुमारी को 54 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। बता दें कि इसके पहले यहां विकास दुबे अपने परिवार के लोगों या चहेतों को लड़ाता था और उसका प्रत्याशी निर्विरोध जीतता था।

विकास दुबे 1995 में बना था प्रधान
गैंगस्‍टर विकास दुबे 1995 में पहली बार अपने रुतबे की दम पर प्रधान बना था। जबकि इसके बाद से उसके चहेते निर्विरोध प्रधान बन रहे थे। लेकिन, इस बार विकास दुबे की दहशत से आजादी के बाद लोगों ने अपने मनपंसद प्रत्‍याशी को ग्राम प्रधान चुना है।

ऐसे मारा गया था विकास दुबे
2 जुलाई 2020 की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस शूटआउट में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद एक्शन में आई पुलिस ने उसके चार गुर्गों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था। 9 जुलाई को विकास दुबे ने बड़े नाटकीय ढंग से उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया। इसके बाद उज्जैन से वापस लाते समय पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल लेकर भागा था, जिसके बाद पीछा करने पर उसने पुलिस पर फायरिंग की थी. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत हो गई थी।

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