यूपी पंचायत चुनाव रिजल्ट: IG की पत्नी बनी प्रधान, जज की पत्नी बनी बीडीसी सदस्य

रायबरेली में सबसे ज्यादा उम्र की 74 वर्ष की जनक दुलारी ग्राम पंचायत बैंती की प्रधान बनीं। इसके अलावा रायबरेली के डलमऊ के रौंसी से बीए फाइनल ईयर की छात्रा शमीम बनो (21 वर्ष) प्रधान बनीं। वहीं, वाराणसी के पिंडरा ब्‍लाक के ओदार गांव की 21 वर्षीय मोनिका पाठक सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान बनीं।

Asianet News Hindi | Published : May 1, 2021 1:50 PM IST / Updated: May 03 2021, 02:13 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) ।  यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना सोमवार को पूरी हो गई है। इस दौरान सभी मतगणना केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन की खबर आई। वहीं, जीआरपी लखनऊ के आईजी सतेंद्र सिंह की पत्नी गीता सिंह कछौना विकास खंड की सरसंड ग्राम पंचायत से प्रधान चुनी गईं। वहीं बिहार में जज अविनाश पांडेय की पत्नी रंजना बावन विकास खंड की बवनापुर वार्ड से बीडीसी चुनी गईं। बता दें कि चार चरणों में ग्राम पंचायत प्रधान के 58,194, ग्राम पंचायत सदस्य के 7,31,813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75,808 और जिला पंचायत सदस्य के 3,051 पदों के लिए चुनाव हुए थे। इनमें से कुछ पदों पर निर्विरोध निर्वाचन भी हो चुका है। 

 

 

पर्ची निकालकर हुई विजेता की घोषणा
वाराणसी में पिंडरा ब्‍लाक के तिवारीपुर में रमेश सिंह व उमाकांत तिवारी ने जब बराबर वोट यानी 443 व 443 वोट प्राप्‍त किया तो आयोग के निर्देश पर दोनों के नाम की पर्ची बनीं। पर्ची निकालने पर सबसे पहले उमाकांत तिवारी का नाम आया तो उन्‍हें आरओ ने विजयी घोषित किया।

 

 

दुलारी बनी सबसे उम्रदराज प्रधान
रायबरेली में सबसे ज्यादा उम्र की 74 वर्ष की जनक दुलारी ग्राम पंचायत बैंती की प्रधान बनीं। इसके अलावा रायबरेली के डलमऊ के रौंसी से बीए फाइनल ईयर की छात्रा शमीम बनो (21 वर्ष) प्रधान बनीं। वहीं, वाराणसी के पिंडरा ब्‍लाक के ओदार गांव की 21 वर्षीय मोनिका पाठक सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान बनीं।

 

 

विकास दुबे का राज खत्म, 54 वोटों से प्रधान बनी बिंदु
कानपुर में बिकरू गांवं से बड़ी खबर आ रही है। जहां के लोगों ने 25 साल बाद अपना प्रधान चुना। इस गांव की आरक्षित सीट पर मधु ने अपनी विरोधी बिंदु कुमारी को 54 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। बता दें कि इसके पहले यहां विकास दुबे अपने परिवार के लोगों या चहेतों को लड़ाता था और उसका प्रत्याशी निर्विरोध जीतता था।

 

 

टॉस से हुआ प्रधान का फैसला
मिर्जापुर में कोन ब्लॉक के मिश्रधाप ग्राम पंचायत में प्रधान पद का फैसला लाटरी से हुआ। दो प्रत्याशी अजय मिश्रा और शशि मिलन यादव को बराबर 161-161 वोट मिले। इसके बाद रिटर्निंग अफसर ने सभी की राय से पर्ची निकलवाकर फैसला किया। अजय मिश्रा और शशि मिलन यादव की मौजूदगी में कृपाल सिंह ने लाटरी की पर्ची निकाली। इसमें शशि मिलन यादव की किस्मत बुलंद थी और उनको प्रधान निर्वाचित घोषित किया गया।

 

 

चुनाव के दौरान हो गई थी मौत, चुनी गई प्रधान
मैनपुरी में कुरावली ब्लाक की ग्रामसभा नगला ऊसर से पिंकी देवी ने 115 वोटों से ग्राम प्रधान का चुनाव जीत लिया है। पंचायत चुनाव के दौरान ही पिंकी बीमार हो गईं। इस दौरान उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर उनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। अब ग्रामसभा नगला ऊसर में पुन: चुनाव होगा।

किन्नर बना प्रधान
कानपुर नगर के बिधनू ब्लाक में किन्नर काजल किरन ने ग्राम प्रधान के पद पर जीत दर्ज की है। उन्होंने गुड़िया देवी को 185 मतों से हराकर जीत हासिल की। काजल किरन नौबस्ता पशुपति नगर वार्ड 48 से पार्षद रह चुकी है। उन्होंने महाराजपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उम्मीदवार के रूप में भाग्य भी अजमा चुकी हैं।

 

 

दो वोट से जीतकर बने प्रधान
चंदौली की चकिया ब्लाक की ग्राम सभा इसहुल में ओमप्रकाश 470 मत प्राप्त कर दो वोट से जीते। उन्होंने निकटतम प्रत्याशी चंदन को हराया। चंदन को 468 मत मिले।

 

 

फिरोजाबाद में एजेंटों पर लाठीचार्ज
फिरोजाबाद के जसराना में एजेंटों की भीड़ को लेकर पुलिस ने जमकर लाठी चलाई। बचने के लिए दौड़े एजेंट। मची अफरा-तफरी।

 

 

लखीमपुर-खीरी में भी पुलिस ने भांजी लाठियां
लखीमपुर-खीरी जिले में निर्धारित समय के सवा घंटे बाद भी मतगणना शुरू नहीं हो सकी। कर्मचारियों के इंतजार में प्रत्याशियों और उनके एजेंटों को गेट पर रोके रखा गया। इसके बाद जब प्रत्याशियों ने प्रशासन को घड़ी दिखाई तो पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया।

 


 

कानपुर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
कानपुर के घाटमपुर के पतारा में मतगणना केंद्र में अंदर जाने के लिए सभी की एंटीजन जांच हो रही थी। यहां बारी-बारी से 10 से 15 लोगों को बुलाकर जांच की जा रही थी। तभी, एजेंटों की अचानक भीड़ बढ़ने से भगदड़ मच गई। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
 

 

 

घर बैठे देख सकेंगे परिणाम
राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट http://sec.up.nic.in पर चुनाव परिणाम ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। इससे कोई भी कहीं से भी परिणाम की जानकारी हासिल कर सकता है। राज्य चुनाव आयोग ने ऑनलाइन फीडिंग के साथ ही प्रत्याशियों को परिणाम की जानकारी रजिस्ट्रर्ड मोबाइल पर एसएमएस के जरिए देने की व्यवस्था की है।

 

 

इस तरह हो रही वोटों की गिनती
चारों पदों की मतगणनाा एक साथ कराई जाएगीं। इसके लिए न्याय पंचायतवार मतगणना टेबल लगाई गई। प्रत्येक न्याय पंचायत में 4 मतगणना टेबुल लगाई गई। प्रत्येक मतगणना मेज पर एक-एक ग्राम पंचायत के समस्त मतदान स्थलों की तथा चारों पदों की मतगणना बूथवार निर्धारित क्रमानुसार कराई जा रही है। एक मतगणना मेज पर एक ग्राम पंचायत की मतगणना पूर्ण होने के उपरान्त अगले क्रम में निर्धारित ग्राम पंचायत की मतगणना की जा रही है। एक मतगणना टेबल पर 5 मतगणना कर्मियों का दल तैनात हैं, जिसमें 1 मतगणना पर्यवेक्षक, 3 मतगणना सहायक तथा 1 अतिरिक्त मतगणना सहायक होगा, जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं। प्रत्येक मतगणना केन्द्र पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाया गया है और प्रत्येक न्याय पंचायत के सदस्य ग्राम पंचायत/प्रधान ग्राम पंचायत/सदस्य क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के किस ग्राम/वार्ड की गणना प्रारम्भ की जा रही है की उद्घोषणा ध्वनि विस्तारण यन्त्र द्वारा की जा रही है।

 

 

वोटों के गिनती की हो रही वीडियोग्राफी 
स्टांग रूम से बूथवार मतपेटियां निकाली जाएगी। प्रत्येक मतगणना कक्ष में मतगणना शुरू होने से समाप्त होने तक मतगणना की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। एक बूथ की समस्त मतपेटिकायें (चारों पदों) एक साथ खोली जा रही है और उनको पदवार छांटा जा रहा है। 50-50 मतपत्रों की गड्डी बनाकर रखा जा रहा है तथा मतपत्र लेखा से मिलान किया जा रहा है। इसके बाद पहले सदस्य ग्राम पंचायत के मतों की गणना की जा रही है तत्पश्चात् क्रमशः प्रधान ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत तथा सदस्य जिला पंचायत की मतगणना की जा रही है।

 

मतगणना केंद्र पर मेडिकल हेल्थ डेस्क सक्रिय
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से विशेष कार्याधिकारी एसके सिंह ने गाइड लाइन जारी की है। जिसके मुताबिक प्रत्येक मतगणना केंद्र पर मेडिकल हेल्थ डेस्क सक्रिय है, जिसमें आवश्यक दवा व चिकित्सक उपलब्ध हैं।

 

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हाथरस में चार मतगणना कार्मिक कोरोना से संक्रमित
उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को मतगणना से पूर्व रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अथवा कोविड-19 वैक्सीनेशन कोर्स पूर्ण करने की रिपोर्ट दिए। इसके बाद ही मतगणना केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी गई। मतगणना स्थल में प्रवेश से पहले आक्सीमीटर व थर्मामीटर से टेस्ट किया गया। खबर है कि हाथरस के मुरसान स्थित मतगणना केंद्र पर चार मतगणना कर्मी कोरोना संक्रमित निकले हैं।

 

 

कोविड-19 के प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
मतगणना केंद्रों पर मास्क लगाना व सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाकर रखना होगा। मतगणना कक्ष में वेंटीलेशन का उचित प्रबंध करना होगा। मतदान केंद्र के बाहर व भीतर सैनिटाइजर, साबुन व पानी की व्यवस्था भी करनी होगी।

 

 

कोविड- के प्रोटोकॉल का हो रहा उल्लंघन
मतदान केंद्रों पर न भीड़ जुटने दी जाएगी और न ही उम्मीदवारों को विजय जुलूस निकालने की अनुमति मिलेगी। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर मतगणना स्थल से 200 मीटर की दूरी तक बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित होगा। कोविड प्रोटोकाल तोड़ने पर भारतीय दंड संहिता की धारा-188 तथा आपदा प्रबंध अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी। हालांकि ऐसा किसी भी मतगणना केंद्र पर देखने को नहीं मिल रहा है। 

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर दी है इजाजत
कोरोना के मद्देनजर पंचायत चुनाव की मतगणना रोकने की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हमने राज्य चुनाव आयोग की ओर से रखी गई बातों को नोट किया। हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन हो। मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू हो और कोई विजय रैली न निकाली जाए। मतगणना रविवार को होनी है उस दिन उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू  है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस दौरान हालात नहीं बिगड़ेंगे। इस दौरान मतगणना केंद्र में सिर्फ ऐसे उम्मीदवार को ही आने की इजाजत दी जाएगी।

 

 

 

हर बार बढ़ता गया मतदान प्रतिशत
पहले चरण का मतदान 15 अप्रैल को हुआ था। जिसमें 18 जिलों 71 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके बाद तो मतदान प्रतिशत बढ़ता ही चला गया। 19 अप्रैल को 20 जिलों में 73 प्रतिशत और 26 अप्रैल को 20 जिलों में 73.50 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि 29 अप्रैल को 17 जिलों में 75.38 प्रतिशत वोटिंग की। लेकिन, चुनाव के दौरान ड्यूटी में लगे कई लोगों के साथ ही चुनाव लडने वाले प्रत्याशी और वोटर्स भी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं।

 

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