सोशल मीडिया पर फेमस होने के चक्कर में ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस साल 7 माह में 277 लोगों की जान सेल्फी, वीडियो रील और ईयरफोन लगाकर ट्रैक पार करने के दौरान हुई है।
लखनऊ: फेसबुक और इंस्ट्राग्राम के साथ रील बनाने और सेल्फी खींचकर सोशल मीडिया पर फेमस होने की चाहत इन दिनों लोगों में बढ़ी हुई है। इसी के साथ ईयरफोन लगाकर पटरियां पार करने के शौकीन भी अपना जान को लगातार खतरे में डाल रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से ऐसे लोगों का एक आंकड़ा जारी किया गया है।
7 माह में 277 लोगों ने गंवाई जान
जारी आंकडे़ में बताया गया कि किस तरह से ट्रेन के साथ सेल्फी और बनाते समय व ईयरफोन लगाकर पटरियां पार करते समय 7 माह में 277 लोगों ने जान गंवाई है। इसमें सेल्फी के चक्कर में 83 लोगों की जान गई है। इसके बाद अब आरपीएफ ने इस तरह से जान गंवाने वाले लोगों की रक्षा के लिए आपरेशन जीवन रक्षक की शुरुआत कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल अंतर्गत वर्ष 2021 में जनवरी से दिसंबर तक पटरी पार करते वक्त और लापरवाही से सेल्फी व रील बनाने के दौरान कुल 334 मौतों का मामला सामने आया था। यह सभी लोग ट्रेन की चपेट में आ गए थे। जबकि इस साल जनवरी से जुलाई तक सात माह में 277 लोगों ने अपनी जान लापरवाही के कारण गंवाई है।
ट्रेन के संचालन पर भी पड़ा असर
रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि पहले तो लाइन पार करने के असावधानी ही लोगों की ट्रेन के चपेट में आने कारण होने वाली मौतों का कारण था। हालांकि अब ईयरफोन लगाकर लाइन पार करने, सेल्फी और रील वीडियो बनाने के कारण भी लोगों की मौत हो रही है। इस वजह से लोगों की जान के साथ ही ट्रेने संचालन की सुरक्षा पर भी असर पड़ता है। लिहाजा आरपीएफ अपने पोस्ट से जुड़े जवानों को अब जीवन रक्षक अभियान के तहत पटरियों के आसपास के गांव और मोहल्ले में लोगों को जागरुक करने के लिए भेजेगी। इससे उनकी कीमती जान की रक्षा की जा सकेगी। इस साल सेल्फी और रील बनाने के साथ ईयरफोन पहनकर ट्रैक क्रॉस करने के चलते जनवरी में 26, फरवरी में 24, मार्च में 42, अप्रैल में 45, मई में 58, जून में 36 और जुलाई में 46 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।