कानपुर: कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को महानगर मजिस्ट्रेट कारपोरेशन की कोर्ट ने 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। घर से छापेमारी में 284 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद हुआ। साथ ही 23 किलो सोना मिला है। कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन पर 31 करोड़ 50 लाख टैक्स चोरी के आरोप का आरोप है। डीजी जीएसटी इंटेलिजेंस टीम का प्रयास अब पीयूष जैन को अपनी रिमांड में लेने का रहेगा। रविवार को गिरफ्तारी के बाद पीयूष जैन रात भर कानपुर के काकादेव थाने में रहा और सुबह जीएसटी टीम कोर्ट में पेश करने अपने साथ लेकर गई। पेशी के बाद कोर्ट में दरवाजा बंद कर जैन की रिमांड को लेकर बहस चली।
बिस्तर, दीवार, सीढ़ियों के अंदर तक नोटों की गड्डियां
उत्तरप्रदेश के कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें घर से 284 करोड़ रुपए और सोने-चांदी की सिल्लियां बरामद होने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। रविवार देर शाम जीएसटी इंटेलिजेंस (GST Intelligence) की टीम ने पीयूष जैन को गिरफ्तार किया। उन्हें टैक्स चोरी के आरोप में सीजीएसटी एक्ट की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया है। पीयूष जैन के कानपुर वाले घर से 177 करोड़ रुपए और कन्नौज स्थित घर से 107 करोड़ रुपए मिले थे। शनिवार देर रात उनके घर में एक तहखाना मिला था। इसमें 250 किलो चांदी और 23 किलो सोने की सिल्लियां रखी थी। बरामद किए गए चांदी की कीमत करीब 1।75 करोड़ रुपए और सोने की कीमत करीब 12।5 करोड़ रुपए बताई जा रही है। रविवार को उनके घर से 10 करोड़ और बरामद हुए। इसके साथ ही करोड़ों का चंदन तेल और परफ्यूम भी जब्त किया गया। इस छापे में अब तक 257 करोड़ कैश, 250 किलो चांदी और 25 किलो सोना मिला है। वहीं 50 बीघा कृषि भूमि मिलने की बात भी सामने आ रही है। आपको बता दें कि पीयूष जैन ने अपने बिस्तर के नीचे, दीवारों और सीढ़ियों के अंदर तक नोटों की गड्डियां छुपा रखी थी. ऐसे में दीवारों तथा संदूक आदि को तोड़ने के लिए 10 मजदूर तक काम पर लगाने पड़े.
करीब 400 करोड़ की संपत्तियों का मालिक है पीयूष
बेहद कम समय में हवाला रैकेट के जरिये धनकुबेर बने इत्र कारोबारी पीयूष जैन और उसके परिजनों के नाम देश के चार राज्यों में संपत्तियां हैं। कानपुर, कन्नौज समेत कानपुर देहात, आगरा, प्रयागराज, नोएडा के अलावा दिल्ली, मुंबई और गुजरात में करीब 400 करोड़ की संपत्तियां हैं। काली कमाई खपाने के लिए उसने दुबई में भी संपत्तियां खरीदी हैं। इधर, करोड़ों की नकदी मिलने के बाद डीजीजीआई की टीम ने नए बिंदुओं पर जांच आगे बढ़ाई है। नोट बंदी के दौरान उसने कितने नोट बदलवाए, इसे भी जांच में शामिल किया गया है। इसके अलावा पांच वर्षों का बैंक स्टटमेंट निकालकर खातों से किए गए लेनदेन की जांच शुरू की गई है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि पीयूष जैन ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन की मदद से कुछ लोगों के साथ मिलकर लंबे समय से हवाला का काम कर रहा था।
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