पीएफ घोटाला: सीबीआई ने 3 IAS अधिकारियों के खिलाफ मांगी अभियोजन की स्वीकृति, अपर मुख्य सचिव गृह के पास आया पत्र

बिजली विभाग में हुए पीएफ घोटाले में सीबीआई ने 3 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है। स्वीकृति के लिए अपर मुख्य सचिव गृह के पास एक पत्र आया है। इस पत्र के जरिए ही उनसे तीनों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 30, 2022 7:29 AM IST / Updated: Jan 30 2022, 01:02 PM IST

लखनऊ: बिजली विभाग में हुए पीएफ घोटाले (PF Scam) की जांच में लगी सीबीआई (CBI) ने यूपी सरकार से 3 तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है। इन अधिकारियों में यूपी पावर कॉर्पोरेशन के 2 पूर्व चेयरमैन और एमडी का नाम शामिल है। सीबीआई ने पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल औऱ आलोक कुमार के अलावा एमडी अपर्णा यू के खिलाफ मामला चलाए जाने की यह अनुमति मांगी है। 

गौरतलब है कि यह घोटाला 2019 में सामने आया था। इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के एमडी रहे एपी मिश्रा समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई थी। हालांकि बाद में इस जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया। 

आपको बता दें कि यह पूरा मामला बिजली कर्मचारियों के पीएम के पैसे को निजी कंपनी में निवेश करने से जुड़ा है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के अनुसार सीबीआई का एक पत्र उनके पास आया है। इस पत्र में तीन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की मांग की गई है। 

ज्ञात हो कि ईओडब्ल्यू ने इस मामले में आशंका जताई थी कि बिजली कर्मचारियों की भविष्य निधि के 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश डीएचएफएल समेत 2 अन्य बैंकों में करने के एवज में करोड़ों रुपए का कमिशन रिश्वत के रूप में लिया गया। इसी आशंका के आधार पर पूर्व में ईओडब्ल्यू ने मुख्य आरोपी तत्कालीन पावर कार्पोरेशन के एमडी एपी मिश्रा, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी व ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश भी की थी। जिस उस समय शासन ने मंजूरी दे दी थी। 

Share this article
click me!