PFI ने बनाया था टेरर फंडिंग के लिए हिंदू देवी, देवताओं के नाम पर सोसायटियां, ऐसे खुला राज

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने शुक्रवार को पीएफआइ से जुड़े पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि वे बालाजी, सरस्वती, दयानंद आदि नाम से सोसायटियों का गठन किए हैं, फिर इन्हीं नामों से बैंक खाते खोले हैं।

Ankur Shukla | Published : Feb 5, 2020 3:58 PM IST

कानपुर (Uttar Pradesh)। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) ने खुफिया एजेंसियों को भरमाने का पूरा प्रयास किया था। आतंकी फंडिंग के लिए उसने हिंदू देवी-देवताओं और महापुरुषों के नाम से फर्जी सोसायटियां बनाकर बैंक खाते खोले थे। इन्हीं खातों से दो माह में लाखों रुपये का लेन-देन हुआ। खातों की डिटेल वाट्सएप ग्रुप से फंड देने वालों को दी गई थी। जांच एजेंसियों को अब तक ऐसे चार खातों की जानकारी मिली है।
इस तरह के नाम से बनीं हैं सोसायटी
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने शुक्रवार को पीएफआइ से जुड़े पांच सदस्यों रिटायर्ड शिक्षक सैयद अब्दुल हई, मो. उमर, फैजान, मो. वासिफ व सरवर आलम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उनके मोबाइल की जांच की गई तो हिंदू नामों से चार सोसायटी के बैंक खातों का पता चला है। बालाजी, सरस्वती, दयानंद आदि नाम से सोसायटियों का गठन किया गया, फिर इन्हीं नामों से बैंक खाते खोले गए।

उम्मीद से ज्यादा गहरी हैं पीएफआई की जड़ें
कानपुर में पीएफआइ की जड़ें उम्मीद से ज्यादा गहरी हैं। जैसे-जैसे खुफिया एजेंसियों की जांच आगे बढ़ रही है, एक के बाद एक राजफाश हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच और इनपुट के बाद जांच में तेजी आई। सूत्रों के मुताबिक एनआइए (राष्ट्रीय जांच अभिकरण) ने छह नामों को लेकर पुलिस को इनपुट दिया था। एसएसपी अनंत देव ने बताया शहर में पीएफआइ के सौ से अधिक सदस्य हैं, जो बवाल के दौरान सक्रिय रहे। इनकी पहचान कर शिकंजे में लिया जाएगा।

कई राज्यों से जमा कराई गई रकम
पुलिस सूत्रों के अनुसार केरल, असम, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और मुंबई से भी खातों में रकम जमा की गई। इस रकम का इस्तेमाल रिटायर्ड शिक्षक व उसके साथियों ने विरोध प्रदर्शनों के लिए किया था। खातों में अब तक 80 लाख रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हो चुका है। पुलिस इन खातों को सीज करा रही है। साथ ही खातों में पैसा डालने वालों की तलाश में जुटी है।

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