
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के तराई वाले जिले पीलीभीत से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां धर्मांतरण की वजह से एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। मृतक को मरे करीब 30 घंटे हो चुके है लेकिन उसके बाद भी पत्नी और ब्राम्हण परिवार के बीच कोई अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल मृतक का परिवार हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करना चाहते हैं जबकि पत्नी ईसाई धर्म के अनुसार। इसी वजह से आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। दो धर्मों के बीच मृतक के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया फंसी हुई है।
मौत से पहले ही मृतक ने ईसाई धर्म को अपनाया
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के जहानाबाद थाना क्षेत्र के मोहल्ला कटरा में रहने वाले 52 वर्षीय प्रमोद कुमार से संबंधित है। मृतक एक ब्राम्हण परिवार से थे और काफी दिनों से बीमार चल रहे थे लेकिन लखनऊ में उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। ऐसा बताया जा रहा है कि प्रमोद कुमार की पत्नी सीमा प्रमोद कुमार व बच्चों ने काफी दिन पहले हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म को अपना लिया था। जब उनका शव लखनऊ से पीलीभीत में पहुंचा तो उनकी पत्नी ने इच्छा जताई कि उनके पति का अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज से किया जाए। मृतक की पत्नी की यह बात सुनकर परिवार के सदस्य बिगड़ गए और अंतिम संस्कार हिंदू रिवाज से करने पर अड़ गए।
पुलिस अंतिम संस्कार कराने की कोशिश में हुई लगी
मृतक प्रमोद की जान गए 30 घंटे बीत गए लेकिन दोनों में आपसी सहमति नहीं बनी। जिसके बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझने की कोशिश कर रही है। वहीं दूसरी ओर मृतक के चाचा ओमप्रकाश का कहना है कि लड़का हमारा डीएनए से है। उसका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से ही करेंगे लेकिन पत्नी और बच्चों का कहना है कि प्रमोत की मौत से पहले ही वह ईसाई धर्म को स्वीकार कर चुके थे। दोनों के बीच कोई आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। दो धर्मों के बीच का विवाद एक मृतक आदमी के अंतिम संस्कार में इस तरह से बाधा बन रहा है। फिलहाल पुलिस बीच में बैठकर समझौता करा रही है और प्रमोद का अंतिम संस्कार कराने की कोशिश में लगी हुई है।
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