प्रधानमंत्री मोदी के सुरक्षा घेरे में एनएसजी के कमांडो और एटीएस के कमांडोज के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की अफसरों की टीम मौजूद है। वहीं बाहरी सुरक्षा घेरे में सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं।
वाराणसी (उत्तर प्रदेश). करीब आठ महीने बाद काशी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक कई योजनाओं की सौगात अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जनता को दे रहे हैं। इस दौरान पीएम ने रिमोट का बटन दबाकर 1500 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन किया। इन सबके बीच प्रशासन पीएम की सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। शहर की हर चौंक-चौराहों पर सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। पीएम की रैली के दौरान किसी को भी काले कपड़े पहनकर जाने की इजाजत नहीं दी गई है। इतना ही नहीं काले शर्ट और आरएसएस के स्वयंसेवकों की काली टोपी तक को सुरक्षाकर्मियों ने उतरवा दिया है।
21 आईपीएस और 10 हजार जवान दे रहे सुरक्षा
प्रधानमंत्री मोदी के सुरक्षा घेरे में एनएसजी के कमांडो और एटीएस के कमांडोज के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की अफसरों की टीम मौजूद है। वहीं बाहरी सुरक्षा घेरे में सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। यह सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी 21 आईपीएस अधिकारों को दी गई है। जिनके साथ 10 हजार से ज्यादा पुलिस और पीएसी के जवान जगह-जगह तैनात हैं। शहर के भीड़ वाले इलाकों में टॉप फोर्स तैनात की गई है। वहीं जिन जगहों पर पीएम जाने वाले हैं वह स्थल नो फ्लाइंग जोन बनाए गए हैं।
शहर के सभी होटल-गेस्ट हाउसों को खंगाला गया
बता दें कि पीएम के काशी दौरे से चार दिन पहले 11 जुलाई को दिल्ली से एक एनएसजी के कमांडो की टीम सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पहुंची हुई थी। इस दौरान सबसे पहले उन स्पॉट की चैकिंग की गई, जहां पर पीएम का कार्यक्रम होने जा रहा है। इसके बाद शहर के होटल, लॉज, गेस्ट हाउसों में पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाना शुरू किया गया। खास करके कैंट, मंडुवाडीह स्टेशन, सिगरा और लंका सहित गंगा घाट किनारे होटल, लॉज खंगाले गए।