उन शहरों की सूची तैयार की जाए जहां स्वच्छता के क्षेत्र में काम नहीं हो रहा: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उन शहरों की सूची तैयार करने की जरूरत है जहां स्वच्छता अभियान की ओर से आंखें मूंद ली गई हैं। वाराणसी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को न केवल 'स्वच्छता' में उत्कृष्ट शहर को पुरस्कार देने के लिए कहा, बल्कि स्वच्छता के क्षेत्र में ईमानदारी से प्रयास करने वालों को भी सम्मानित करने को कहा। 

वाराणसी: अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन (All India Mayors Conference) में प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन शहरों में स्वच्छता के क्षेत्र में काम नहीं हो रहा है, उसकी भी सूची (List) बनाई जाए और संबंधित राज्यों को सौंपी जाए। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के 120 महापौर ने भाग लिया। सम्मेलन का विषय नया शहरी भारत (new urban india) है। उद्घाटन कार्यक्रम में शहरी विकास कार्यों पर एक लघु फिल्म भी दिखायी गयी। प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने वाराणसी से लोकसभा सदस्य होने के नाते सभी महापौर का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में स्वच्छता अभियान (Cleanliness campaign) चल रहा है। पूरे देश में हर वर्ष स्वच्छ शहर की घोषणा होती है। साथ ही पीएम ने कहा, 'मैं देख रहा हूं कि कुछ ही शहरों ने इसमें अपनी जगह बनाई है, लेकिन बाकी शहर निराश होकर बैठ जाएं यह मानसिकता नहीं होनी चाहिए।' साथ ही उन्होंने कहा कि आप सभी महापौर संकल्प करें कि अगली बार स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा में आपके शहर किसी से पीछे नहीं रहें।

काशी की अर्थव्यवस्था में मां गंगा का बहुत बड़ा हाथ
मोदी ने कहा कि काशी की अर्थव्यवस्था में मां गंगा का बहुत बड़ा हाथ है, इसी तरह हमें अपने-अपने शहरों में नदियों को महत्व देना चाहिए और हर वर्ष नदी उत्सव मनाना चाहिए। साथ ही  हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हमारा शहर स्वच्छ हो और स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि हमारे करीब कई ऐसे शहर हैं जो किसी न किसी नदी के तट पर बसे हैं। कालक्रम में यह नदियां तबाह हो गयी हैं। हमें इस ओर बहुत संवेदनशील रुख अपनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा, आज जब पूरी दुनिया पानी (Leck of Water) के संकट की चर्चा करती है, आज जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन (climate change) पर चर्चा करती है, तो ऐसे में अगर हम हमारे नगर की नदी की परवाह ही न करें, उसे संभालने का प्रयास न करें तो फिर हम कैसे गौरव कर सकते हैं। 

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हर साल सात दिन के लिए मनाया जाए नदी उत्सव
प्रधानमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि हर वर्ष सात दिन के लिये नदी उत्सव (river festival) मनायें। नदी उत्सव मनाकर पूरे नगर को उसमें जोड़ें। साथ ही उसमें नदी की सफाई का काम हो, नदी के इतिहास के बारे में बाते हों, नदी का गुड़गान करने वाली बाते हों, नदी के तट पर समारोह हों, नगर के विकास की यात्रा में नदी को एक बार जीवंत स्थान देने का प्रयास करें तो इससे नगर में एक नयी जान आ जाएगी। मोदी ने महापौरों से स्वच्छता प्रतियोगिता ,वार्ड सौंदर्य प्रतियोगिता,आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रंगोली प्रतियोगिता जिसमें आजादी के आंदोलन की किसी न किसी घटना से जुड़ी रंगोली (Rangoli) हो, आदि प्रतियोगिताएं (competitions) आयोजित कराने के सुझाव दिए। उन्होंने एकल इस्तेमाल वाली प्लास्टिक की रोक पर चर्चा करते हुए लिफाफों के इस्तेमाल पर जोर देने की भी बात कही। 

बड़े पैमाने पर मनाया जाए शहर का जन्मदिन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें शहर का जन्म दिवस पता होना चाहिए और शहर का जन्म दिवस बड़े पैमाने पर मनाया जाना चाहिए और अपने शहर के प्रति गौरव पैदा होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में शहरी क्षेत्रों में रहने की सुविधा सुनिश्चित करने पर जोर देते हुये कहा कि सरकार ने जीर्ण-शीर्ण शहरी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की कमी के मुद्दों को दूर करने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किये हैं। शहरी विकास के क्षेत्र में भारत सरकार (Indian Government) और उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) की प्रमुख उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जो 17 से 19 दिसंबर तक चलेगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditiyanath ) और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (Union Minister Hardeep Puri) भी उपस्थित थे। 
 

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