प्रधानमंत्री मोदी काशी की धरती से देश को एक बड़ा उपहार देने वाले हैं। आगामी 13 दिसम्बर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पीएम मोदी के हांथों उद्घाटन होगा, जिसके बाद काशी को एक नई पहचान मिलेगी। काशी के विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद काशी की खूबसूरती में और अधिक बदलाव आ जाएंगे।
लखनऊ/वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM MODI) काशी की धरती से देश को एक बड़ा गिफ्ट देने वाले हैं, इस दिन के बाद से काशी(Kashi) देशभर में अपनी एक नई पहचान के साथ जाना जाएगा। आगामी 13 दिसम्बर को पीएम मोदी अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर(kashi Vishwanath Corridor) का लोकार्पण करने आ रहे हैं। बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट(Dream Project) है। मार्च 2019 में पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लगभग 400 करोड़ की लागत से बन रहा है। आइए! अब आपको बताते हैं कि काशी के विश्वनाथ कॉरिडोर में ऐसा क्या खास है जो काशी को एक नई पहचान देने वाला हैः
दिव्यांग श्रद्धालुओं को भी मिलेगी खास सुविधा
आपको बता दें कि, मंदिर का 50 हजार स्क्वायर मीटर का परिक्षेत्र है। 28 हजार स्क्वायर मीटर में निर्माण हो रहा है, इसमें 24 इमारतें हैं जिनका निर्माण हो रहा है। पहले जो मंदिर परिसर 3 हजार स्क्वायर फीट में था अब 30 हजार स्क्वायर फीट में हो गया है। इसमें यात्री सुविधा केंद्र ,स्प्रिचुअल बुक सेंटर, मुमुक्षु भवन, वैदिक सेंटर, जलपान केंद्र ,मल्टी पर्पज हॉल, सिटी म्यूजियम वाराणसी गैलरी, योगशाला बनाई जा रही है। इसके साथ ही टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर (Tourist Facilitation Center)वीविंग गैलरी और अन्य कार्य अपने अंतिम चरण में चल रहे हैं। पूरे परिसर के अलावा मंदिर के मुख्य परिसर का निर्माण भी हुआ है। मंदिर तक कोई भी दिव्यांग श्रद्धालु पहुंच जाए, इसकी व्यवस्था की जा रही है।
काशी विश्वनाथ कारिडोर में बनाए जाएंगे 27 छोटे मंदिर
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना (Expansion & Beautification Project)के तहत बनाए जा रहे कारिडोर में 27 छोटे मंदिर बनाए जाएंगे। आकार प्रकार में एक रंग मंदिरों की शृंखला चहारदीवारी के पास तैयार की जाएगी। इनकी ऊंचाई 14 फीट की होगी। इनमें बाबा दरबार से गंगा तट तक कारिडोर निर्माण के लिए खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान मिले विग्रहों को पुन: स्थापित किया जाएगा। इन्हें कारिडोर निर्माण आरंभ होने से पहले सुरक्षा की दृष्टि से शास्त्रीय विधानपूर्वक हटाकर एक स्थान पर रख दिया गया था।
100 साल पहले चोरी अन्नपूर्णा की मूर्ति होगी स्थापित
वर्ष 1913 के आसपास पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति तस्करी कर कनाडा भेज दी गई थी। जिसे अब भारत लाया जा चुका है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में रानी भवानी स्थित उत्तरी गेट के बगल में प्राण प्रतिष्ठा कर मूर्ति स्थापित की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। बता दें कि 13 दिसंबर को पीएम मोदी द्वारा लोकार्पण के बाद दुनिया भर के लोग काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में देवी अन्नपूर्णा का भी दर्शन और पूजन कर सकेंगे।
गैलरी व्यू से बाबा विश्वनाथ और घाट दोनों जगह का मिलेगा नज़ारा
सिटी म्यूजियम 3D म्यूजियम में भी उन तमाम बनारस की पुरानी चीजों को संजो कर रखा जाएगा। जो इस कॉरिडोर के निर्माण के दौरान सामने आई हैं। चाहे वह अद्भुत मूर्तियां हो, पुराने घरों से निकले दरवाजे खिड़की चाबियां। यहां तक कि मकान खरीद फरोख्त में जो दस्तावेज बंदे प्रशासन को मिले थे, उनको भी डिजिटल तरीके से इस म्यूजियम में रखा जाएगा ताकि यहां आने वाले सैलानी यह जान सके इस कॉरिडोर के निर्माण में कितनी दिक्कतें आई उनको कैसे दूर कर इसका काम पूरा किया गया।
दुनिया के सामने होंगे पुरातन ऐतिहासिक दस्तावेज
काशी विश्वनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यहां मणिमाला के मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेज भी दुनिया के सामने पेश करने की तैयारी है। इन दस्तावेजों को तैयार दिया है। काशी विश्वनाथ धाम में मिले प्राचीन मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेजों को तैयार करने के लिए एएसआई भोपाल की टेंपल सर्वे की तीन सदस्यीय टीम ने भी अपना काम शुरू कर दिया है।