UP News: PM मोदी 7 दिसंबर को करेंगे CM योगी के ड्रीम प्रोजक्ट का लोकार्पण, गोरखपुर को देंगे सौगात

 सात दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी खाद कारखाना और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का लोकार्पण करने गोरखपुर आएंगे। बता दें कि यह खाद कारखाना  सीएम योगी के ड्रीम प्रोजक्ट में से एक है। 
 दो दिसंबर को पांच सौ मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। इस प्रक्रिया को रिकार्ड भी किया जाएगा और उत्पादन रुकने के बाद सभी मशीनों की तत्काल जांच शुरू की जाएगी।
 

गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Election 2022) से पहले पीएम मोदी एक बार फिर यूपीवासियों को बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं। इस बार गेरखपुर के लोगों को सौगात मिलने जा रही है। सात दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) खाद कारखाना और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का लोकार्पण करने गोरखपुर आएंगे। बता दें कि यह खाद कारखाना  सीएम योगी के ड्रीम प्रोजक्ट में से एक है। 

पांच सौ मीट्रिक टन यूरिया का किया जाएगा उत्पाद

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खाद कारखाना में नीम कोटेड यूरिया उत्पादन का ट्रायल अब दो दिसंबर को होना है। पहले ट्रायल मंगलवार को ही होना था लेकिन प्रबंधन ने इसे दो दिन बाद करने का निर्णय लिया है। दो दिसंबर को पांच सौ मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। इस प्रक्रिया को रिकार्ड भी किया जाएगा और उत्पादन रुकने के बाद सभी मशीनों की तत्काल जांच शुरू की जाएगी।

प्रधानमंत्री उर्वरक नगर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ ही खाद कारखाना परिसर में भी तैयारियां तेज हो गई हैं। नीम कोटेड यूरिया से खेतों में हरियाली बढ़ाने और करीब दस हजार प्रत्यक्ष-परोक्ष रोजगार की संभावनाओं के साथ गोरखपुर में खाद कारखाना बनकर पूरी तरह तैयार है। 

गोरखपुर का खाद कारखाना है सीएम योगी का 'ड्रीम प्रोजेक्ट'

गोरखपुर का खाद कारखाने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' माना जाता है। इसके लिए वह बतौर सांसद वह 19 सालों तक संघर्षरत रहे. 1998 से लेकर मार्च 2017 तक उनके संसदीय कार्यकाल में कोई भी ऐसा सत्र नहीं रहा जिसमें उन्होंने इसके लिए अपनी आवाज बुलंद न की हो। योगी की पहल और उनकी पुरजोर मांग पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। अब उन्हीं के हाथों सात दिसंबर को इसका उद्घाटन होने जा रहा है। गोरखपुर के खाद कारखाने की स्थापना और संचालन की जिम्मेदारी HURL ने निभाई है। HURL एक संयुक्त उपक्रम है, जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लीड प्रमोटर्स हैं, जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार है।

1990 में बंद हो गया था पुराना खाद कारखाना

गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया। एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी सरकारों ने नहीं दिखाई।

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