
वाराणसी: इंसान में अगर जज्बा हो तो कोई भी समस्या उसके सामने रोड़ा नहीं बन सकती है। इस बात को वाराणसी की दिव्यांग बेटी शिखा रस्तोगी ने एक बार फिर से साबित करके दिखा दिया है। छोटे कद और मुश्किल भरे जीवन के बावजूद उसने कभी हार नहीं मानी। सिखा खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई का काम करने लगी और इसी के साथ उन्होंने समाजसेवा भी की। शिखा के इस जज्बे को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक उनके फैन हो गए हैं।
पीएम मोदी ने सिर झुकाकर किया प्रणाम
वाराणसी में जब पीएम मोदी काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लिए पहुंचे तो शिखा ने उन्हें आवाज लगाई। दिव्यांग बेटी शिखा की आवाज सुनने के बाद पीएम मोदी वहीं ठहर गए। इसके बाद उन्होंने शिखा से बातचीत की और उसकी दास्तान सुनी। शिखा के जज्बे को देख वह भी उसके फैन हो गए और उन्होंने सिर झुकाकर प्रणाम भी किया।
सीएम योगी से मुलाकात कर रखी बात
दिव्यांग बेटी की मदद सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से भी की गई। 21 अप्रैल को जब लखनऊ में शिखा ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की तो उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में दुकान देने की मांग को रखा। शिखा की मांग सुनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उसे हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसी के साथ मदद के तौर पर दो लाख रुपए भी उपलब्ध करवाए। सीएम आवास में हुई खातिरदारी से शिखा गदगद नजर आईं।
विकलांग से दिव्यांग होने पर बदली जिंदगी
वाराणसी की बेटी का कहना है कि जब से विकलांग को दिव्यांग नाम दिया गया है उसके बाद से उनकी जिंदगी बदल गई है। पहले लोग उन्हें दीन भावना से देखते थे। हालांकि अब ऐसा नहीं है। जब पीएम ने दिव्यांग कहकर उनका सम्मान किया तो लोगों का नजरिया और भी बदल गया। वह खुद को किसी से भी कम नहीं मानती है।
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