
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की खबरों बहुत अधिक संख्या में सामने आ रही हैं। इस पर यूपी पुलिस सख्त हो गई और एक पत्रकार को रेप की खबर छापने को मना कर दिया। पर सुल्तानपुर क्षेत्र का ये पत्रकार नहीं माना और खबर छाप दी जिसके बाद उसपर मुकदमा ठोक दिया गया।
धर्मेंद्र मिश्रा नाम के स्थानीय पत्रकार के खिलाफ मारपीट और लूट का मामला पुलिस ने दर्ज कर दिया। पत्रकार का आरोप है कि 10 सितंबर को एक युवती से हुए कथित रेप की खबर छापी और लिखा कि पुलिस रेप की घटना पर पर्दा डालना चाहती है। ये देखकर थानेदार भड़क गए थे।
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गड़े मुर्दे उखाड़ पुलिस ने दर्ज किया केस
इसके बाद 14 नवंबर को फिर पत्रकार ने रेप की पीड़िता की खबर छाप डीटेल में पब्लिश कर दी तो 16 नवंबर को सुल्तानपुर पुलिस ने उसके खिलाफ करीब साल भर पुराने एक शिकायत पर मारपीट और पैसे छीनने का मामला दर्ज कर दिया।
पत्रकार ने लगाई मानवाधिकार आयोग से गुहार
पीड़ित पत्रकार ने सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक हिमाशुं कुमार के खिलाफ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक से गुहार लगाई है। हालांकि एसपी का कहना है कि एक सरकारी कर्मचारी की शिकायत पर पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है इससे खबर छापने का कोई ताल्लुक नहीं है।
पहले व्हाट्सअप मैसेज पर दी धमकी
दूसरी तरफ पत्रकार धर्मेंद्र का कहना है कि सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक खबर कथित रेप की खबर अपने मुताबिक छपवाना चाहते थे लेकिन जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो मामला दर्ज करने की धमकी देने लगे। केस दर्ज करने से पहले कई बार व्हाट्सअप मैसेज के जरिए कथित तौर पर धमकी भी दी।
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उन्नाव में हो गई रेप पीड़िता की मौत
उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी ने भी राज्य सरकार की आलोचना करते कहा कि पत्रकारों के खिलाफ पुलिस फर्जी मामले दर्ज करके उनकी आवाज को दबाना चाहती है। आपको बता दें कि हाल में अखबार ने आंकड़े दिए हैं कि इस साल अकेले उन्नाव में 86 रेप के मामले और 185 छेड़छाड़ की घटनाएं दर्ज हुई हैं। वहीं उन्नाव रेप पीड़िता की जलाए जाने के बाद मौत हो गई है जिस पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है।
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