पत्नी का मर्डर फिर 3 बेटियों को लेकर गायब हुआ सिपाही, ससुराल में फोन कर जो कुछ कहा सुन लीजिए...

फॉरेंसिक टीम को मिले साक्ष्‍यों में मरने से पहले सरोज द्वारा संघर्ष करने की पुष्टि हुई है। दीवारों पर बिखरा खून और टूटी चूडि़यों से पता चल रहा है कि सरोज ने अपने आपको बचाने की पूरी कोशिश की थी। पुलिस जांच में यह बात सामने आ रही है कि सरोज का पहले गला घोंटा गया था। 

फीरोजाबाद (Uttar Pradesh)। रक्षक से भक्षक बने सिपाही ने अपनी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद अपने तीन बच्चों को लेकर गायब हो गया है। आशंका है कि आरोपी ने बच्चियों के साथ कोई अनहोनी न कर दी हो। वहीं, मृतका के भाई का आरोप है कि सिपाही ने उसे फोन कर कहा कि तेरी बहन को मैंने मार दिया है। लाश उठाकर ले जा। बता दें कि जिस लड़की से उसके अवैध संबंध थे उसी स्‍वजनों ने पुलिस में शिकायत की थी, जिसके बाद सिपाही को एक साल के लिए सस्‍पेंड कर दिया गया था। अब बहाली के बाद से पत्नी से उसके नाम का मकान बेंचने का दबाव बना रहा था। जिसे लेकर दोनों में विवाद होता। घटना शहर के आवास विकास कॉलोनी की है।

यह है पूरा मामला
सिपाही यतेंद्र यादव और इटावा के भर्तना निवासी सरोज की शादी 2008 में हुई थी। दोनों के तीन बेटियां आकांक्षा (10), पारुल (8), अनन्‍या (4) हैं। सिपाही की तैनाती आगरा में पीआवी 112 पर है। आरोप है कि उसका मथुरा की किसी युवती से अवैध संबंध था। जिसके कारण दोनों में आए दिन विवाद होने लगा। आवास विकास कॉलोनी के जिस मकान में सरोज रहती थी, वो मकान उसके नाम था। यतेंद्र मकान बेचने का दवाब सरोज पर बना रहा था। 25 अप्रैल की रात यतेंद्र ने सरोज के भाई को फोन किया और कहा कि तेरी बहन को मैंने मार दिया है। लाश उठाकर ले जा। 

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ऐसे खुला राज
सरोज के भाई ने तत्‍काल बहन के मोबाइल पर फोन किया तो नहीं उठा। इसके बाद पुलिस को फोन कर सूचित किया तो पुलिस वाले बताए गए पते पर पहुंचे तो मकान के दरवाजे पर ताला लटका देखकर लौट गए। आज मृतका का भाई और पिता शिकोहाबाद थाने पहुंचा और पुलिस को साथ लेकर आवास विकास कॉलोनी गया। अभी भी दरवाजे पर ताला लटका हुआ था। आसपास देखने पर एक खिड़की पर चाबी रखी हुई मिल गई। ताला खोलकर अंदर जाने पर देखा तो आंगन में सरोज की लाश पड़ी हुई थी। तीनों बच्चियां भी गायब थीं। 

मरने से पहले सरोज ने किया था संघर्ष
फॉरेंसिक टीम को मिले साक्ष्‍यों में मरने से पहले सरोज द्वारा संघर्ष करने की पुष्टि हुई है। दीवारों पर बिखरा खून और टूटी चूडि़यों से पता चल रहा है कि सरोज ने अपने आपको बचाने की पूरी कोशिश की थी। पुलिस जांच में यह बात सामने आ रही है कि सरोज का पहले गला घोंटा गया था। उस दौरान उसने संघर्ष किया होगा। इसके बाद उसके सीने और पेट में दो-दो गोलियां यतेंद्र ने अपनी पिस्‍तल से दागी थीं।
 

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