यूपी के गोरखपुर जिले में पुलिस लाइन के आवासों पर वह सभी पुलिसकर्मियों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है, जिनका दूसरे जिले में ट्रांसफर हो चुका है। इसी को लेकर अब पुलिसकर्मियों पर गाज गिरने वाली है। ऐसे पुलिसकर्मियों के वेतन से किराए को लेकर वसूली की जाएगी।
रजत भट्ट
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में पिछले कुछ समय से पुलिस विभाग से एक मामला सामने निकल कर आ रहा है। जहां पर पुलिस विभाग के पुलिसकर्मियों ने ही पुलिस लाइन और थानों में बने सरकारी आवास पर अवैध कब्जा जमाया हैं। दरअसल जब कोई पुलिसकर्मी जिले में आता या उसका ट्रांसफर हो जाता है, तो उसे मिले उस सरकारी आवास को छोड़ना होता है। लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसे भी पुलिसकर्मी है, जिनका ट्रांसफर दूसरे जिले में हो गया उसके बावजूद वह यहां के सरकारी आवास को खाली नहीं किए। इतना ही नहीं कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं, जिनका तबादला 12 साल पहले ही हो गया था। लेकिन अभी तक आवास खाली नहीं हुआ। इसी मामले को खुद पुलिस के आला अफसरों ने संज्ञान में लेते हुए ऐसे पुलिसकर्मियों पर चाबुक चलाते हुए नोटिस जारी कर दिया।
किराया वसूलने को लेकर जारी हुआ नोटिस
आपको बता दें जिन पुलिसकर्मियों का आवास अभी भी शहर के पुलिस लाइन में या जिले के किसी थाने में बने सरकारी आवास में है। वह पुलिसकर्मी दूसरे जिले में कार्यरत हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों को किराया वसूलने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया गया है। वहीं एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों ने दूसरे जिले में तबादला होने के बाद से ही लोगों ने निर्धारित किराया नहीं जमा किया। इसी के चलते एक पुलिसकर्मी को किराए के रूप में पांच से सात लाख रुपए जमा करना है। वहीं आवास पर कब्जा करने वाले पुलिसकर्मी जिस जिले में तैनात हैं। वहां रिकवरी का नोटिस भेज दिया गया है। इन सब पुलिसकर्मियों के वेतन से कटौती होगी।
60 आवासों पर अभी भी है अवैध कब्जा
एसएससी की पहल में कब्जे किए गए इन आवासों को खाली कराया जा रहा है। वहीं बीते कुछ समय में पुलिस लाइन के 160 आवासों पर जो दूसरे जिले में तैनात पुलिस कर्मियों का कब्जा था, उसको भी खाली कराया गया है। वहीं शहर के कैंट, शाहपुर, राजघाट, कोतवाली, खोराबार, गोरखनाथ, तिवारीपुर थानों में करीब अभी भी 60 आवास लंबे समय से अवैध कब्जे के गिरफ्त में चल रहे हैं। जिसे खाली कराने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया गया है।