देश के कुल सैंपल में करीब 3.8 फीसदी पॉजिटिव निकल रहे हैं। मतलब यदि 100 सैंपल की जांच हुई तो 96 टेस्ट निगेटिव आ रहे हैं। यदि 10-10 पूल में टेस्ट हों तो 10 पूल में सभी सैंपल्स की जांच हो जाएगी।
Ankur Shukla | Published : Apr 14, 2020 2:24 AM IST / Updated: Apr 14 2020, 10:11 AM IST
लखनऊ (Uttar Pradesh) । जर्मनी और इजराइल की तरह उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) की पूल टेस्टिंग कराने का निर्णय लिया है। जिसपर आज से काम स्वास्थ्य विभाग शुरू कर देगा। पूल टेस्टिंग तकनीक से एक साथ कई सैंपल की जांच हो सकेगी और इसमें खर्च भी 75 फीसदी कम आएगा। आईसीएमआर से उत्तर प्रदेश को पूल टेस्टिंग की भी अनुमति मिल गई है। उत्तर प्रदेश पूल टेस्टिंग करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
इस तरह फटाफट मिलेगी रिपोर्टदेश के कुल सैंपल में करीब 3.8 फीसदी पॉजिटिव निकल रहे हैं। मतलब यदि 100 सैंपल की जांच हुई तो 96 टेस्ट निगेटिव आ रहे हैं। यदि 10-10 पूल में टेस्ट हों तो 10 पूल में सभी सैंपल्स की जांच हो जाएगी। वर्तमान प्रतिशत के मुताबिक दो या तीन पूल में ही पॉजिटिव मरीज आएंगे। ऐसे में अगर दो पूल पॉजिटिव आए तो 20 सैंपल ही दोबारा जांच लिए जाएंगे। यानी महज 20 सैंपल की जांच करनी होगी। ऐसे में जांच का खर्च एक चौथाई हो जाएगा।
इस तरह होगी जांचप्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कि पूल टेस्टिंग तकनीक में अगर 10 सैम्पल्स को चेक करने पर टेस्ट निगेटिव आते हैं तो माना जाता है कि सभी सैम्पल्स संक्रमण मुक्त हैं और अगर इसमें संक्रमण निकलता है तो इन सैम्पल्स की जांच अलग-अलग करनी पड़ती है। इससे स्क्रीनिंग का काम तेज हो जाता है। इसका प्रोटोकॉल तय हो रहा है, मंगलवार (आज) से इस पर भी कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। जर्मनी व इजराइल में पूल टेस्टिंग से जांच शुरू हो चुकी है।