प्रतापगढ़ में 9 शिक्षिकाओं को बीएसए की ओर से बर्खास्त कर दिया गया है। यह सभी शिक्षिकाएं फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी कर रही थीं। इन सभी के खिलाफ एफआईआर का भी निर्देश दिया गया है। फर्जी शिक्षिकाओं की फाइल को 6 माह से दबाकर रखा गया था।
प्रतापगढ़: फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी कर रही 9 शिक्षिकाओं को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। इसी के साथ बीएसए भूपेंद्र सिंह ने 9 शिक्षिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को लेकर भी निर्देश दिए हैं। इन शिक्षिकाओं पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र लगाकर ये नौकरी हासिल की थी। इसी के साथ ऑनलाइन सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़े में यह खुलासा हुआ था।
लगातार किया जा रहा था बचाने का प्रयास
आरोप है कि ऑनलाइन सत्यापन के बाद बीएसए विभाग के बाबुओं ने फर्जी शिक्षिकाओं की फाइल को 6 माह से दबाकर रखा था। पटल बाबू द्वारा उनको लगातार बचाया जा रहा था। इस बीच बर्खास्त शिक्षिकाएं जिले के विभिन्न विद्यालयों में तैनात थी। यह पूरा मामला 16 अक्टूबर 2020 में हुए 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती से जुड़ा हुआ है। जिन टीचर्स के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं उसमें मीरा देवी, सीमा देवी, कंचन, निधि सिंह, संगीता देवी, सीमा कोरी, बिंदु देवी, सुमित्रा मौर्या, रुचि प्रजापति का नाम शामिल है।
पहले भी फर्जी प्रमाण पत्र के लिए बर्खास्त हो चुके हैं 40 शिक्षक
आपको बता दें कि प्रतापगढ़ में पहले भी बेसिक शिक्षा विभाग सुर्खियों में रहा है। यहां पहले भी 40 शिक्षकों की बर्खास्तगी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर हो चुकी है। इसके बाद दर्जन भर से अधिक टीचर्स एसटीएफ की जांच में रडार पर हैं। मामले को लेकर बीएसए भूपेंद्र ने जानकारी दी कि 69,000 भर्ती में इन सभी शिक्षिकाओं का चयन हुआ था। जब अभिलेखों का सत्यापन हुआ तो इन शिक्षिकाओं के टीईडी प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इसके बाद ही इन्हें बर्खास्त करने का आदेश दिया गया। बताया जा रहा है कि अभी कई और भी शिक्षक जांच के दायरे में आ सकते हैं। मामले को लेकर लगातार जांच की जा रही है। 9 फर्जी शिक्षिकाओं का मामला सामने आने के बाद में जांच को और भी तेज कर दिया गया है।
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