
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में मानव तस्करी की आशंका पर गुरुवार की सुबह जीआरपी और आरपीएफ ने प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर उतारा। न्यू जलपाईगुड़ी से दिल्ली जा रही महानंदा एक्सप्रेस से 21 बच्चों को उतारा जो पश्चिम बंगाल व बिहार कटिहार के रहने वाले हैं। बच्चों को ट्रेन से उतारने के बाद प्लेटफार्म नंबर एक स्थित वेटिंग रूम ले जाया गया। यहां पूछताछ के दौरान ही मदरसे का उस्ताद अब्दुल रब अपने छात्रों के साथ शाम के समय नमाज अदा करने लगा। नमाज अदा करने के बाद उसने कहा कि उसे सुबह 11 बजे से यहां पर बैठाया गया है। ऐसे में वह नमाज कहां अदा करे। वहीं जीआरपी पुलिस ने वेटिंग रूम में नमाज अदा करने पर आपत्ति भी जताई।
मजदूरी के लिए और मदरसों में जा रहे थे बच्चे
कैलाश सत्यार्थी की बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा रेलवे पुलिस को सूचना मिली की मानव तस्करी के लिए महानंदा एक्सप्रेस से 21 बच्चों को ले जाया जा रहा है। पुलिस ने प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर न्यू जलपाईगुड़ी से दिल्ली जा रही महानंदा एक्सप्रेस की जनरल बोगी से इन सभी बच्चों को उतारा। सभी बच्चे खुद को मदरसा उस्ताद बता रहे सीतापुर के रहने वाले अब्दुल रब और बिहार के निवासी मो. वासिल के संरक्षण में जा रहे थे। बच्चों का बयान दर्ज करने पहुंचे बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने बताया कि 21 में से 15 बच्चों को फतेहपुर के मोहम्मलद गौती स्थित जामिया मदरसा ले जाया जा रहा था। तो वहीं बाकी बच्चों को दिल्ली मजदूरी के लिए ले जा रहे थे।
इजाजत मिलने के बाद तालीम के लिए जा रहे थे बच्चे
इतना ही नहीं जब सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने जब बच्चों से पूछताछ शुरू की तो पता चला कि 15 बच्चे मदरसा तालीम के लिए ले जा रहे थे और अन्य 6 बच्चों को दिल्ली मजदूरी के लिए जा रहे थे। दूसरी ओर अब्दुल रब का कहना है कि वह मदरसे का उस्ताद है और परिजनों की इजाजत मिलने के बाद ही वह बच्चों को तालीम के लिए ले जा रहे था। इस ग्रुप में शामिल मो. वासिल का कहना है कि वह खुद फतेहपुर मदरसे से तालीम हासिल कर चुका है और अपने तीन छोटे भाइयों को मदरसा छोड़ने जा रहा था। इस मामले में बाल कल्याण समिति के सदस्य अरविंद कुमार का कहना है कि बच्चों का बयान दर्ज कर लिया गया है। सभी 21 बच्चे नाबालिग हैं। जिसमें से एक बच्चा मात्र 15 वर्ष का है बाकी सभी की उम्र 9 से 11 साल के बीच की है।
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