Special Story : रविदास जयंती के पर काशी में दो राज्यों की होगी सियासी साधना, जानिए पूरी तैयारियां

 16 दिसंबर को रविदास जयंती के पावन पर्व पर दो राज्यों के सियासत साधना की तैयारी हैं। मंदिर प्रशासन ने राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रण पत्र भेजा है, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी, चरणजीत सिंह चन्नी, अरविंद केजरीवाल, प्रियंका गांधी, हरसिमरत कौर, सहित कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को निमंत्रण दिया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 13, 2022 5:11 AM IST / Updated: Feb 13 2022, 12:34 PM IST

अनुज तिवारी
 वाराणसी : धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में संत रविदास का ऐसा मंदिर है। जिसे काशी के दूसरे गोल्डेन टेंपल के नाम से जाना जाता है। वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर में संत शिरोमणि रविदास जी का जन्म स्थल हैं । इस बार 16 फरवरी को संत रविदास जयंती है। 16 दिसंबर को रविदास जयंती के पावन पर्व पर दो राज्यों के सियासत साधना की तैयारी हैं। मंदिर प्रशासन ने राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रण पत्र भेजा है, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी, चरणजीत सिंह चन्नी, अरविंद केजरीवाल, प्रियंका गांधी, हरसिमरत कौर, सहित कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को निमंत्रण दिया गया है।

मंदिर प्रशासन ने कहा आ सकते हैं पंजाब के सीएम चन्नी 
संत शिरोमणि रविदास की 645वीं जयंती इस वर्ष 16 फरवरी को काशी नगरी स्थित सीरगोवर्धनपुर में मनाई जायेगी। इस आयोजन में इस वर्ष पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी शीश नवाने पहुंचेंगे। उनके आगमन के सम्बन्ध में मंदिर के मैनेजर रणबीर सिंह ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम की आने की संभावना है। उन्होंने आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है, लेकिन अभी तक आधिकारिक रूप से प्रोटोकॉल उनके कार्यालय से नहीं मिला है।

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राजनीतिक पहलू के जूड़ा है रविदास मंदिर
राजनीति नजर से देखें तो मंदिर भले ही उत्तर प्रदेश में है और कहा जाता है कि पंजाब के राजनीति में सत्ता का रास्ता वाराणसी स्थित रविदास मंदिर से आशीर्वाद के साथ ही होकर जाता हैं । रविदास जी के जन्मदिवस पर बड़ी संख्या में पंजाब से रैदासियों के साथ साथ राजनेता भी पहुंचते हैं। और रविदास मंदिर के आस पास का इलाका बेगमपुरा में तब्दील हो जाता हैं। लोगों के नजर से मिनी पंजाब की झजक यहां देखने को मिलता हैं। क्योंकि पंजाब से बड़ी संख्या में रविदास यहां आते हैं । और पंजाब से स्पेशल ट्रेन भी चलती है जिसमें बड़ी संख्या में पंजाब से भक्त वाराणसी स्थित रविदास मंदिर पहुंचते हैं। और रविदास जयंती को देखते हुए पंजाब में अब 14 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को मतदान होगा।

राजनेताओं के पहुंचने की है पूरी उम्मीद 
वाराणसी का रविदास मंदिर दलित सियासत का केंद्र रहा है। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे और विकास योजनाओं की शुरुआत की घोषणा की थी। मंदिर के पुनरुद्धार के जरिए उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक की दलित सियासत को साधने का प्रयास किया है। पीएम मोदी के साथ साथ प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रविदास मंदिर में पहुंचकर हाजिरी लगाई थी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी संत रविदास के दर पर मत्था टेक चुके हैं। दलित राजनीति करने वाले भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी यहां संत रविदास जी के आशीर्वाद लेने आते रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यहां के विकास कार्यों का जायजा लेने के साथ-साथ संत रविदास के दर पर शीश नवाने आते रहते हैं। और भी तमाम नेता संत रविदास मंदिर में दर्शन करने आते रहे हैं ।
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