कोरोना से निबटने के लिए यहां कैदियों ने उठाया जिम्मा, कर रहे ऐसा काम दूर भागेगी खतरनाक बीमारी

कोरोना वायरस कुछ लोगों के कमाई का जरिया भी बन गया है। बाजार में 20 रूपए में बिकने वाला मास्क चार गुने दामों में बेंचा जा रहा है। सोनभद्र के गुरमा कारागार में बंदियों ने खुद से मास्क तैयार करने का जिम्मा उठाया है। ये मास्क कैदियों के साथ ही आम जनता में वितरित कराया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Mar 17, 2020 9:04 AM IST / Updated: Mar 17 2020, 02:35 PM IST

सोनभद्र(Uttar Pradesh ). यूपी के सोनभद्र में कोरोना वायरस से बचाव का जिम्मा कैदियों ने उठाया है। जेल में बंद ये कैदी अब कोरोना वायरस से बचाव का साधन खुद तैयार कर रहे हैं। सोनभद्र के गुरमा कारागार में बंदियों ने खुद से मास्क तैयार करने की जिम्मा उठाया है। ये मास्क कैदियों के साथ ही आम जनता में वितरित कराया जाएगा। इसके लिए जेल में बंद 10 कैदियों ने काम शुरू कर दिया है। 

बता दें कि देश में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसेज लगातार सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर सरकार लोगों से सावधान रहने की सलाह दे रही है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यही नहीं कोरोना वायरस कुछ लोगों के कमाई जरिया भी बन गया है। बाजार में 20 रूपए का बिकने वाला मास्क चार गुने दामों में बेंचा जा रहा है। इसको लेकर सीएम योगी ने भी कड़े निर्देश दिए हैं। लेकिन इन सब के बीच सोनभद्र जेल में कैदियों ने सराहनीय काम शुरू किया है। कैदियों के इस कार्य में जेल प्रशासन उनकी पूरी मदद कर रहा है। 

प्रतिदिन बनाए जा रहे 200 मास्क 
गुरमा जिला कारागार में कुल 900 बंदी हैं। इसमें से 46 महिला बंदी है। कारागार में 15 सिलाई मशीन है। इन बंदियों में दस बंदी सिलाई में निपुण हैं। इन्हीं बंदियों को मास्क तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रतिदिन दो सौ मॉस्क बनाने का लक्ष्य रखा गया है। कैदियों द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष रोजाना 200 मास्क तैयार किया जा रहा है। 

मानक के तहत बनाया जा रहा है मास्क 
जेल अधीक्षक का मिजाजी लाल के मुताबिक बंदियों को कोरोना से सावधानी पर जागरूक किया जा रहा है। उन्हें इस महामारी से लड़ने के लिए बताया जा रहा है। जेल में कैदियों द्वारा बनाया जा रहा मास्क मानक के तहत है। इसमें 35 mm का कपड़ा प्रयोग किया जा रहा है। बीच में टिस्यू पेपर का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

बन्दियों के बाद आम लोगों में होगा वितरण 
जेल में बंदियों द्वारा तैयार किया जा रहा मास्क पहले जेल में सभी बंदियों को वितरित किया जाएगा। उसके बाद इसका वितरण जेल के आसपास के इलाके में आम लोगों को किया जाएगा। इस मास्क को बाजार में भी उतारने की योजना पर काम चल रहा है। उसका मकसद मास्क की कालाबाजारी रोकना होगा। 
 

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