महिला वोटर्स को साधने के लिए प्रियंका गांधी की ओर से बनाई गई रणनीति ने राजनीतिक गलियारों में एक बड़ी हलचल पैदा कर दी। आपको बता दें की यूपी की आधी आबादी मानी जाने वाली महिला वोटर्स को साधना कांग्रेस को आगामी चुनाव में बड़ा लाभ पहुंचा सकता है लेकिन इससे पहले कांग्रेस की उस योजना को समझना पड़ेगा, जिसे अन्य राजनीतिक दल समझ नहीं पाए।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल अपने अपने वर्ग के चिह्नित वोटरों को साधने में जुट गए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने यादव और मुस्लिम वोटबैंक पर अपनी नजर टिकाई तो वहीं, मायावती ने दलितों को बीच अपनी पार्टी की पैठ को मजबूत करना शुरू कर दिया। इसी प्रकार बीजेपी (BJP) की ओर से भी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के अपने पुराने एजेंडे को जमीन पर उतारने की शुरुआत कर दी गयी। इन सब के बीच उत्तर प्रदेश में विलुप्त होने की कगार पर खड़ी कांग्रेस (Congress) ने भी अचानक से पूरे जोश के साथ चुनावी रण में उतरकर अपनी अपनी पकड़ को मजबूत करना शुरू कर दिया। सभी पार्टियों की ओर से हो रही चुनावी तैयारियों के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश की महिलाओं को साधते हुए एक बड़ा चुनावी दांव खेल दिया। महिला वोटर्स (women voters) को साधने के लिए प्रियंका गांधी (Priyanka gandhi) की ओर से बनाई गई रणनीति ने राजनीतिक गलियारों में एक बड़ी हलचल पैदा कर दी। आपको बता दें की यूपी की आधी आबादी मानी जाने वाली महिला वोटर्स को साधना कांग्रेस को आगामी चुनाव में बड़ा लाभ पहुंचा सकता है लेकिन इससे पहले कांग्रेस की उस योजना को समझना पड़ेगा, जिसे अन्य राजनीतिक दल समझ नहीं पाए।
योगी सरकार में हुए महिला अपराध एक बड़ा चुनावी मुद्दा
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के सरकार के दौरान सामने आए महिला अपराध से जुड़े मामले इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा रहे, जिस पर फोकस करते हुए प्रियंका गांधी ने अपनी चुनावी तैयारियों को खास जोर दिया। एनसीआरबी की ओर से पूर्व में जारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 में 56,011 मामले दर्ज किए गए थे, 2018 में संख्या बढ़कर 59,445 हो गई। वहीं, 2019 में यह संख्या 59,853 हो गई। 2017 में 4,246 बलात्कार के मामलों की रिपोर्ट दर्ज हुई। लगभग 1,560 मामलों में पीड़िता नाबालिग थी। 2017 में हर रोज 153 मामले दर्ज हुए। 2018 में महिलाओं के खिलाफ 162 मामले हर रोज दर्ज हुए। 2018 में 1411 नाबालिगों सहित 4, 322 पीड़ितों के साथ 3, 946 बलात्कार के मामले दर्ज हुए, लगभग 12 हर दिन दर्ज किए गए। 2018 के दौरान POCSO के तहत 5,401 मामले दर्ज किए गए। 2018 की रिपोर्ट में दावा किया गया कि यूपी पुलिस के पास हर दो घंटे में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। आपको बता दें कि 2020 में उत्तर प्रदेश के भीतर मानसिक शोषण, घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के कुल 23722 मामले दर्ज किए गए। वहीं, साल 2021 में इन्हीं घटनाओं से जुड़े कुल 30864 मामले दर्ज किए गए।
बसपा और सपा की सरकार में महिला अपराध के आंकड़े
महिला अपराधों को लेकर उत्तर प्रदेश में नियंत्रण रखने का दावा करने वाली योगी सरकार के अलावा अगर बीते समय में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में हुए महिला अपराधों की बात करें तो एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2007 से 2012 के बीच मायावती की सरकार में उत्तर प्रदेश के भीतर महिला अपराध से जुड़े 22000 मामले सामने आए। वहीं, उसके बाद साल 2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव की सरकार में उत्तर प्रदेश के भीतर महिला अपराध से जुड़े 36000 मामले दर्ज किए गए। इस लिहाज से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कार्यकाल में महिलाओं से जुड़े अपराध भारी संख्या में दर्ज किए गए हैं।
प्रियंका गांधी ने महिलाओं को समर्पित किया अपना घोषणा पत्र
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बढ़ा दो खेलते हुए अपना घोषणा पत्र जारी किया। गौर करने वाली बात यह है कि प्रियंका गांधी की ओर से जारी किए गए घोषणापत्र को पूरी तरह से महिलाओं के लिए समर्पित किया गया। छह हिस्सों में बटे इस महिला घोषणा पत्र को लेकर बीते दिनों प्रेसवार्ता के दौरान प्रियंका गांधी ने बताया था कि महिलाओं का घोषणापत्र छह हिस्सों में बटा हुआ है। उन्होने कहा कि वह छह हिस्से स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत हैं। उन्होने कहा कि भारतीय संसद और विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व महज 15 फीसदी है। कांग्रेस ने इस निराशाजनक तस्वीर को बदलने का संकल्प लिया है। हम 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देंगे। ये घोषणापत्र प्रदेश की महिलाओं की आशाओं-आकांक्षाओं की सामूहिक अभिव्यक्ति है, जो वर्तमान सरकार में अभूतपूर्व हिंसा, शोषण व सरकार की महिला विरोधी विचारधारा का सामना कर रही हैं।
बीजेपी नेता का दावा- योगी सरकार में दर्ज हो रहे महिला अपराध के मामले
युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष नितिन मित्तल में महिला अपराध से जुड़े आंकड़ों पर बताया कि योगी सरकार के कार्यकाल में महिलाओं से जुड़े अपराधों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में महिलाओं से जुड़े अपराध बहुत तेजी से होते थे लेकिन उस दौरान महिलाएं थाने तक तो जाती थी किंतु थाने पर उनके मामले दर्ज नहीं किए जाते थे। उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार आने के बाद महिलाओं से जुड़े अपराधों को थाने में तेजी दिखाते हुए दर्ज किया जाने लगा। इतना ही नहीं, सीएम योगी के निर्देश पर लगातार इन मामलों पर कार्रवाई भी की गई। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में महिलाओं से जुड़े अपराध दर्ज नहीं किए जाते थे इसलिए आंकड़े कम नजर आते थे। लेकिन योगी सरकार में महिला अपराध से जुड़े मामले दर्ज किए जाने लगे, इस वजह से आंकड़ों में संख्या बढ़ी हुई नजर आ रही है।