
लखनऊ (उत्तर प्रदेश) । नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदेश में हुई हिंसा करने वालों से यूपी पब्लिक मनी रिकवरी एक्ट के तहत वसूली होगी। अधिकारियों ने उपद्रवियों की पहचान कर उनकी संपत्ति नीलाम कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बता दे कि पब्लिक प्रापर्टी डैमेज एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज करने के बाद यूपी पब्लिक मनी रिकवरी एक्ट के तहत नुकसान की वसूली का प्रावधान है।
उपद्रवियों की हो रही पहचान
सीसीटीवी फुटेज, वीडियो व फोटो के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। 10 दिसंबर से अब तक विभिन्न जिलों में विधि विरुद्ध प्रदर्शन, आगजनी, तोडफ़ोड़ व पुलिस पर फायरिंग की घटनाओं में 124 एफआइआर दर्ज की गई हैं। इनमें दस हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। पुलिस ने 705 आरोपितों को गिरफ्तार और 4500 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर निरोधात्मक कार्रवाई की है।
क्षति के मूल्यांकन को अधिकारियों को जिम्मेदारी
प्रदेश में सार्वजनिक व सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान के मूल्यांकन के आधार पर भरपाई के लिए इन सभी आरोपियों को नोटिस भेजी जाएगी। लखनऊ में मूल्यांकन व क्षतिपूर्ति के लिए एडीम पूर्वी, एडीएम पश्चिम, एडीएम ट्रांसगोमती व एडीएम प्रशासन के नेतृत्व में चार टीमें गठित कर दी गई हैं।
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