10 साल पार्टी में रहने के बाद पिता को कांग्रेस ने किया था बाहर,अब बेटी अदिति सिंह को 4 साल में निकाला

विधायक रहे स्वर्गीय अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह 2017 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुई। युवा होने के कारण वो अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं और गांधी परिवार के भी बेहद करीब हैं। अदिति सिंह को योगी आदित्यनाथ सरकार से वाइ श्रेणी की सुरक्षा मिली है। 

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2020 6:36 AM IST / Updated: May 21 2020, 03:28 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) । कांग्रेस ने रायबरेली विधायक अदिति सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के रायबरेली सदर क्षेत्र की इस युवा विधायक ने कांग्रेस के प्रवासी कामगारों की मदद करने के लिए बसों का बेड़ा लगाने के मामले में पार्टी पर ही उंगली उठाई थी। साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी। यह कार्रवाई उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हुई है।

विधायक पद से अयोग्य घोषित करने का अनुरोध
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और रायबरेली प्रभारी के एल शर्मा ने कहा कि अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं। पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं। इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था। कोरोना वॉरियर्स के लिए पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे। विधानसभा में उनके खिलाफ एक नोटिस दिया गया था, जो लंबित है। उन्होंने कहा कि वह जवाब देने से बच रही हैं। पार्टी ने उनके विधायक पद से अयोग्य घोषित करने का भी अनुरोध किया है।

10 साल पार्टी में रहने के बाद पिता को भी कांग्रेस ने निकाला था

कांग्रेस ने विधायक अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह को भी 10 साल पार्टी में रहने के बाद निकाल दिया था। उस समय अखिलेश सिंह के ऊपर आपराधिक मामलों के चलते कार्रवाई हुई थी।1993 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने अखिलेश सिंह को 2003 में कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया था। उसके बाद वह निर्दलीय चुनाव लड़ते व जीतते रहे। फिर इस घटना के 13 साल बाद 2016 में उनकी बेटी अदिति सिंह कांग्रेस में शामिल हुईं। उन्हें कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया और चुनाव जीत कर विधायक चुनी गईं। लेकिन अब 4 साल बाद ही उन्हें भी पार्टी से निकाल दिया गया है।

कांग्रेस से की थी ये बड़े सवाल

अदिति सिंह ने ट्वीट में लिखा था कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत। एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।

 

सीएम योगी की तारीफ, किए सवाल

गांधी परिवार की करीबी और रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने योगी सरकार के रुख का समर्थन किया। कोटा को लेकर भी सवाल उठाया है। एक दूसरे ट्वीट में अदिति ने लिखा, 'कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई। उस समय तब योगी अदित्यनाथ ने रातों-रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।

 

कौन हैं विधायक अदिति सिंह 
विधायक रहे स्वर्गीय अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह 2017 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुई। युवा होने के कारण वो अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं और गांधी परिवार के भी बेहद करीब हैं। अदिति सिंह को योगी आदित्यनाथ सरकार से वाइ श्रेणी की सुरक्षा मिली है। बीते वर्ष ही पंजाब से कांग्रेस के विधायक अंगद सैनी से अदिति सिंह का विवाह हुआ था। इससे पहले उनके सांसद राहुल गांधी से भी विवाह को लेकर काफी जोरदार अफवाह फैली थी।

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