7वीं के छात्र ने स्कूल से घर पहुंचकर की थी आत्महत्या, इस वजह से नहीं हो सकी प्रधानाचार्य और शिक्षिका से पूछताछ

यूपी के जिले रायबरेली छात्र यश सिंह मौर्य की मौत के मामले में सेंट पीटर्स स्कूल में प्रधानाचार्य और शिक्षिका से पूछताछ नहीं हो सकी है क्योंकि छात्र की मौत की वजह से स्कूल बंदकर शोक मनाया। मृतक छात्र की मौत को लेकर पूरे इलाके में चर्चा रही।

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के जिले रायबरेली के मिल एरिया थाना के अंतर्गत गुरुवार को सातवीं के छात्र यश सिंह मौर्य ने स्कूल से घर पहुंचकर आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद शुक्रवार को स्कूल प्रबंधन ने शोक मनाया और दिनभर इसी घटना को लेकर पूरे परिसर में चर्चा रही। पुलिस जब छात्र की मौत के मामले में सेंट पीटर्स स्कूल पहुंची तो पूछताछ नहीं हो पाई क्योंकि स्कूल में छात्र की मौत की वजह से शोक था। छात्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की पुष्टि हुई है यानी छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।

नकल करते शिक्षिका ने यश को था पकड़ा
सातवीं के छात्र यश के घरवालों ने शव को बछरावां क्षेत्र के पैतृक गांव सेहगों ले गए, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक यश बछरावां कोतवाली क्षेत्र के सेहगों गांव का निवासी था। वह रायबरेली में जवाहर विहार कॉलोनी में अपने चाचा राजकुमार मौर्य के घर रहकर पांच साल से पढ़ाई कर रहा था। शहर के सेंट पीटर्स स्कूल में कक्षा सात का छात्र था। इस दौरान स्कूल में परीक्षाएं चल रही थी। यश के द्वारा लिखे सुसाइड नोट से समझ आ रहा है कि वह नकल करने के दौरान पकड़ा गया लेकिन उसके बाद शिक्षिकों ने उसको मौका न देकर उसके बेइज्जती की। इसी वजह से यश क्षुब्ध हुआ और अपने घर पहुंचकर कमरे में पंखे के हुक के सहारे फांसी लगा ली थी। 

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मां की चीखें सुनकर लोग नहीं रोक पा रहे आंसू
यश की मौत के मामले में पुलिस दूसरे दिन कोई कार्रवाई नहीं कर पाई क्योंकि छात्र की मौत के बाद स्कूल में शोक के कारण स्कूल बंद था। इस वजह से प्रधानाचार्य और शिक्षिका से पूछताछ नहीं हो सकी। इस मामले में सीओ सदर वंदना सिंह का कहना है कि पूरे घटना की जांच कराई जा रही है और जल्द ही मामले में आरोपी प्रधानाचार्य रजनाई डिसूजा और शिक्षिका मोनिका मांगों के बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर यश की मौत से उसके घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां सुमित्रा देवी सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं और उनकी चीखें सुनकर वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ रहे।

IAS बनने की धुन लगाए रहता था मृतक यश
दूसरे ओर यश के पिता राजीव कुमार का कहना है कि उनका बेटा यश जब छोटा था तभी से खेल-खेल में आईएएस बनूंगा की धुन लगाए रहता था। यश के सपनों को साकार करने के लिए पिता और मां ने उसकी शिक्षा के लिए शहर में रह रहे भाई राजुकमार के पास भेज दिया। पीड़ित पिता ने बिलखते हुए बताया कि जब हम लोग बेटे से मिलने रायबरेली जाते या फिर बेटा छुट्टियों में घर आता था तो हर बार यही कहता था कि मैं आईएएस अधिकारी बनकर आप लोगों के अरमानों को पूरा करूंगा। माता-पिता के अलावा यश के भाई सुयश और बहन अंतिका का भी रो-रोकर बुरा हाल है।

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