राजनीतिक गलियारों में अमेठी जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जिसे भेद पाना बड़े से बड़े नेता के लिए मुमकिन नहीं था। बावजूद इसके बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार हाथ लगी। 2017 में जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपने ही गढ़ से महज 10.81 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सेंध लगाते हुए 55 हजार 120 वोटों से राहुल गांधी को शिकस्त दी थी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आती जा रही है, राजनीतिक दलों की ओर से हो रही चुनावी तैयारियों के बीच प्रियंका गांधी की तरफ से दिखाई जा रही चुनावी सक्रियता अन्य दलों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। एक तरफ शनिवार को राहुल-प्रियंका की जोड़ी ने अमेठी पहुंचकर प्रतिज्ञा पदयात्रा के जरिए बीजेपी क्व खिलाफ मोर्चा खोला। वहीं, दूसरी तरफ भाई-बहन की इस जोड़ी के समर्थन में उमड़े जनसैलाब ने सियासी गलियारों में एक हलचल पैदा कर दी है। और अमेठी में राहुल गांधी के लिए खड़े इसी जनसैलाब के बीच से एक बार फिर आगामी चुनाव में परिवर्तन के कयास लगाए जा रहे हैं।
कांग्रेस की एक बड़ी योजना है ढाई साल बाद अपने गढ़ में दुबारा लौटना
राजनीतिक गलियारों में अमेठी जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जिसे भेद पाना बड़े से बड़े नेता के लिए मुमकिन नहीं था। बावजूद इसके बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार हाथ लगी। 2017 में जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपने ही गढ़ से महज 10.81 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सेंध लगाते हुए 55 हजार 120 वोटों से राहुल गांधी को शिकस्त दी थी। पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद राहुल गांधी का अपने परिवार जैसे एक गढ़ से रिश्ता मगर टूट सा गया। चुनाव हारने के एक सप्ताह बाद राहुल गांधी अमेठी पंहुचे थे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनके टूटे हुए मनोबल को बढ़ाया था। यही वह समय था जब अमेठी की जनता ने आखरी बार राहुल गांधी को अपने गढ़ में देखा था। उस दिन के पूरे ढाई साल बाद राहुल गांधी एक बार फिर अमेठी की जनता के बीच नजर आए। उम्मीद थी कि शायद अमेठी की जनता इस बार राहुल को नकार दे। लेकिन इतने समय में कांग्रेस की ओर से बनाई गई रणनीति, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से की गई चुनावी तैयारी और शनिवार की प्रतिज्ञा पदयात्रा में अमेठी के सड़कों पर उतरे जनसैलाब ने इस भ्रम को भी दूर कर दिया। लिहाजा, आगामी चुनाव राहुल प्रियंका की यह जोड़ी कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।
अपनी कमजोरी को ताकत में बदल रही भाई-बहन की जोड़ी
राहुल गांधी की हार और सोनिया गांधी के खराब स्वास्थ्य के चलते क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को लगातार निर्देशन न मिलने के चलते भी पार्टी अमेठी-रायबरेली में कमजोर हुई है। क्षेत्र के कई बड़े नेताओं, जिनमें दो विधायक भी शामिल हैं, उनके पार्टी छोड़कर जाने से भी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। इसके अलावा जमीनी स्तर पर भारतीय जनता पार्टी और अमेठी में राहुल गांधी को मात देने वाली स्मृति ईरानी भी बीजेपी के विस्तार के लगातार प्रयासों में जुटी हुई हैं। इन तमाम कारणों के चलते प्रदेश भर में दंभ भरने वाली कांग्रेस अपने ही गढ़ में कमजोर और बीजेपी मजबूत नजर आई। अब 2022 के चुनाव के लिए प्रियंका-राहुल की ओर से हो रही तैयारियां कांग्रेस को प्रदेश के अंदर एक बड़ी मजबूती दे सकती हैं।
'भाजपा भगाओ-महंगाई हटाओ' के नारे के साथ निकाली गई यात्रा
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में विपक्ष की ओर से लगातार प्रदेश में महंगाई का मुद्दा बनाया गया है। शनिवार को अमेठी पहुंचे राहुल और प्रियंका गांधी की ओर से महंगाई का मुद्दा उठाते हुए भाजपा भगाओ-महंगाई हटाओ के नारे के तहत प्रतिज्ञा पदयात्रा निकाली गई। यह यात्रा अमेठी के जगदीशपुर से होकर हरीमऊ गाँव तक गयी। हरिमऊ पहुंची पदयात्रा का समापन एक विशाल जनसभा के साथ किया गया। इस जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 2004 में मैं राजनीति में आया और पहला चुनाव मैंने यहां से लड़ा था। आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया। आपने मुझे राजनीतिक रास्ता दिखाया और मेरे साथ आप इस रास्ते पर हमेशा चले। इसलिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं।'
कल रायबरेली में महिलाओं से होगा 'शक्ति संवाद'
अमेठी में प्रतिज्ञा पदयात्रा के बाद रविवार को यूपी के रायबरेली जिला में पहुंचकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी महिलाओं को साधने की कवायद तेज करेंगी। रविवार को रायबरेली के जिला अस्पताल के पास मौजूद रिफॉर्म क्लब मैदान में महिलाओं के लिए शक्ति संवाद का आयोजन किया जाएगा। जिसमें तकरीबन 5000 महिलाएं हिस्सा लेंगी। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कांग्रेस के महिला घोषणा पत्र से जुड़े तमाम बिंदुओं पर बात करेंगी।
186 विधानसभा सीट अमेठी का राजनीतिक इतिहास
वर्तमान में अमेठी विधानसभा में 183429 पुरुष मतदाता तथा 163895 महिला मतदाताओं के साथ थर्ड जेंडर मतदाता की संख्या 46 है। इस प्रकार अमेठी विधानसभा में कुल 347370 मतदाता है, जो इस बार 2022 के चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। अगर हम वर्ष 2002 से इस विधानसभा क्षेत्र की स्थिति का आकलन करें, जिसमें एक बार कांग्रेस पार्टी एक बार समाजवादी पार्टी और दो बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चुने गए हैं। वर्तमान समय में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार गरिमा सिंह मौजूदा विधायक हैं। लेकिन अब यह देखने वाली बात होगी कि भारतीय जनता पार्टी इस बार अपने इस दावे को बरकरार रख पाती है अथवा नहीं। क्योंकि 14 वीं विधानसभा चुनाव 2002 में यहां से बीजेपी प्रत्याशी अमिता सिंह 42.23% वोट पाकर विधायक बनी थी , वही दूसरे स्थान पर आशीष शुक्ला जो कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी थे उन्होंने 28.06% वोट प्राप्त किया था, जबकि समाजवादी पार्टी प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति 16.43% वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसी के साथ तेज प्रताप बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मात्र 5.30% मत पाकर चौथे स्थान पर रहे।