Special Story: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट से यूपी चुनाव में विधायक प्रत्याशी तक, ऐसा रहा राजेश्वर सिंह का सफर

ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह वीआरएस मंजूर होने के बाद सरोजिनीनगर सीट से चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की है। इसमें 2जी स्पैक्ट्रम, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला आदि कई हाईप्रोफाइल मामले शामिल हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 2, 2022 5:59 AM IST

गौरव शुक्ला

लखनऊ: यूपी चुनाव 2022 के लिए लखनऊ की सरोजिनीनगर सीट (Sarojini Nagar Seat) से भाजपा ने राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) को उम्मीदवार बनाया है। यहां से योगी सरकार में महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  स्वाति सिंह (Swati Singh) को सरोजिनीनगर से टिकट नहीं मिला।  सरोजिनीनगर सीट से प्रबल दावेदार के तौर पर स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) का नाम ही पूर्व में सामने आ रहा था। हालांकि उनकी जगह राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा गया है।

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ईडी के संयुक्त निदेशक रहे हैं राजेश्वर 
1997 पीपीएस बैच के अधिकारी के पद पर राजेश्वर सिंह का चयन हुआ था। मंगलवार को ही प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह का वीआरएस मंजूर हुआ था। इसके बाद उसी दिन शाम में भाजपा ने उन्हें सरोजिनीनगर से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। अधिकारी के तौर पर राजेश्वर सिंह तकरीबन 24 वर्षों तक पुलिस महकमे में कार्यरत रहें। 

रिटायरमेंट में शेष था 11 साल 
राजेश्वर सिंह ने सीओ के तौर पर अपनी सेवाओं की शुरुआत की थी। लोग उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहते थे। 2009 में राजेश्वर सिंह ईडी में चले गए थे। अभी उनके रिटायरमेंट में 11 साल का समय शेष था। 

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट औऱ साइबर जेम्स बॉन्ड की मिली उपाधि 
राजेश्वर सिंह को अपने कार्यकाल के दौरान ही एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और साइबर जेम्स बॉन्ड की उपाधियों से नवाजा गया। राजेश्वर सिंह के नाम पर 13 एनकाउंटर हैं। उन्होंने खूंखार और कट्टर अपराधियों को कटघरे तक पहुंचाने का काम किया। 

कई बड़े घोटालों की कर चुके हैं जांच
राजेश्वर सिंह 2007 में 5 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय गए थे, हालांकि वहां उन्हें दो साल का विस्तार भी दिया गया। राजेश्वर सिंह ने जिन महत्वपूर्ण मामलों की जांच में शामिल रहे हैं उसमें 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरटेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला समेत कई घोटाले शामिल हैं। राजेश्वर सिंह की छवि ईमानदार अधिकारियों के तौर पर रही है। राजेश्वर सिंह का नाम नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों व माफियाओं पर शिकंजा कसने को लेकर भी सामने आता है। उन्होंने अवैध तरीके से कमाई गई तकरीबन 4000 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी को जब्त करवाया है। 

सुब्रत राय के भिजवाया जेल, पी चिदंबरम को पिला दिया पानी 
राजेश्वर सिंह ने ही सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर कानूनी तरीके से 24,000 करोड़ लेने के आरोप में उन्हें जेल भिजवा दिया था। जबकि एयरसेल-मैक्सिस डील को हरी झंडी देने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पानी पिला दिया था। 

पत्नी है आईपीएस, परिवार में कई और अधिकारी 
राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह आईपीएस अधिकारी हैं। वह इस समय आईजी रेंज लखनऊ के पद पर तैनात हैं। उनके अलावा परिवार के कई अन्य लोग भी अधिकारी पद पर तैनात हैं। राजेश्वर सिंह के बहनोई राजीव कृष्ण एडीजी आगरा जोन हैं। भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स अधिकारी हैं तो वहीं बहन मिनाक्षी आरआरएस अधिकारी है। बड़ी बहन आभा सिंह सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। जबकि राजेश्वर के दूसरे बहनोई वाईपी सिंह आईपीएस थे और उन्होंने भी वीआरएस ले लिया था।

पिता भी थे सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी 
राजेश्वर सिंह के पिता स्व. रण बहादुर सिंह भी सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी थे। राजेश्वर सिंह ने बीटेक और एलएलबी करने के बाद ह्यूमन राइट विषय पर पीएचडी पूरी की है। 

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