विहिप ने सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए घर-घर में प्रकटोत्सव मनाने की अपील की है। शाम को घरों में दीप जलाने और मंदिरों में सुंदरकांड के पाठ का आह्वान किया है। जन्मोत्सव के बाद पंजीरी के रूप में दिए जाने वाले प्रसाद की मात्रा भी 50 किलो से 20 किलो कर दी गई है।
अयोध्या (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस और लॉक डाउन के कारण अयोध्या में रामनवमी मेला और उत्सव नहीं का आयोजन नहीं किया गया है। मुख्य पुजारी सत्येंद्रदास ने कहा कि सैकड़ों साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब अयोध्या में रामनवमी मेला और उत्सव नहीं हो रहा है। रामनवमी पर अयोध्या में आमतौर पर 15 लाख लोग भाग लेते हैं। इस बार लॉकडाउन के चलते रामनवमी का मेला भी नहीं हो रहा है। बता दें कि आज श्रीरामलला के नए अस्थायी मंदिर में श्रीराम प्रकटोत्सव है। दिन में ठीक 12 बजे श्रीरामलला का जन्मोत्सव होगा। इसके साथ ही जन्मभूमि व अयोध्या के मंदिरों में शंख ध्वनि और घंटे बजेंगे, आरती होगी और रामनाम का जाप शुरू हो जाएगा। जन्मभूमि मंदिर में षोड्सोपचार और श्रृंगार के बाद श्रीरामलला पीले वस्त्र धारण कर दर्शन देंगे। लेकिन, इस बार कोरोना वायरस और लॉक डाउन के कारण सामान्य तरीके से आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालु घर के भीतर ही रामनाम, सुंदरकांड का कीर्तन करेंगे।
पुजारी ने कही ये बातें
पुजारी सत्येंद्रदास ने कहा कि जन्म के बाद श्रीरामलला पीले वस्त्र धारण करते हैं। इस बार संयोग से गुरुवार है, जब दिन के मुताबिक श्रीरामलला पीले वस्त्र पहनते हैं।
20 किलो ही होगा प्रसाद का वितरण
विहिप ने सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए घर-घर में प्रकटोत्सव मनाने की अपील की है। शाम को घरों में दीप जलाने और मंदिरों में सुंदरकांड के पाठ का आह्वान किया है। जन्मोत्सव के बाद पंजीरी के रूप में दिए जाने वाले प्रसाद की मात्रा भी 50 किलो से 20 किलो कर दी गई है।
इस तरह मनाया जाएगा जन्मोत्सव
प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं से अयोध्या न आने की अपील की गई है। अस्थाई मंदिर में पुजारियों, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के अलावा कोई और भाग नहीं ले सकेगा, जो मौजूद होंगे, वे भी आपस में दूरी बनाए रखेंगे।